चमोलीःप्रसिद्ध चारधाम में शुमार भगवान बदरी विशाल के कपाट आज ब्रह्ममुहूर्त में सुबह 4:30 बजे वैदिक मंत्रोच्चारण और धार्मिक विधि-विधान के साथ खोल दिए गए हैं. इसके साथ ही चारधाम के सभी कपाट खुल गए हैं. भगवान बदरी विशाल के कपाट खुलने पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी को बधाई दी. उन्होंने कहा कि ये हम सभी के लिए शुभ अवसर है.
आइए आपको बताते हैं, किस तरह से शुरू हुई कपाट खोलने की प्रक्रिया..
इस तरह शुरू हुई कपाट खोलने की प्रक्रिया-
- सुबह 4 बजे रावल धर्माधिकारी समेत वेदपाठियों ने मंदिर के पीछे के दरवाजे से भीतर प्रवेश किया.
- 4:15 बजे पहले द्वार का पूजन किया गया.
- ठीक 4:30 बजे भगवान बदरीनाथ के मुख्य द्वार को खोला गया.
- कपाट खुलते ही भगवान की 6 महीने जलने वाली अखंड ज्योति के दर्शन हुए.
- इसके बाद भगवान उद्धव जी और कुबेर जी, भगवान बदरीनाथ के गर्भगृह में बदरीश पंचायत में विराजित हुए.
- मां लक्ष्मी को भगवान बदरीनाथ के साथ गर्भगृह से बाहर अपने मंदिर में रावल और मुख्य पुजारी ने स्थापित किया.
- शीतकाल में भगवान को ओढ़ाया गया घृत कंबल या चोली हटाई गई.
- घृत कंबल कपाट खुलने का खास प्रसाद होता है.
- इसके बाद गणेश जी की पूजा अर्चना कर अपने मूल स्थान पर विराजित किया गया.
- 9 बजे बाद भगवान बदरीनाथ का अभिषेक, महाभिषेक पूजा होगी.
- भगवान बदरीनाथ का तुलसी फूलों के साथ श्रृंगार किया जाएगा.
- दिन भर होने वाली पूजा और भोग लगेगा.