चमोली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) बदरीनाथ धाम और केदारनाथ धाम को विकसित करके विश्व पटल पर एक नई पहचान देना चाहते हैं, ताकि दोनों ही धामों में आने वाला हर एक श्रद्धालु वहां की आध्यात्मिकता को हमेशा अपनी यादों में रखे. केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण कार्य जैसे ही अंतिम चरण में पहुंचा, वैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बदरीनाथ धाम को भी विकसित करने का जिम्मा उठाया है. अब बदरीनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्य मास्टर प्लान के तहत हो रहे हैं.
250 करोड़ का बजट जारी:बदरीनाथ धाम में काम तेजी से हो रहा है. भूमि अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो गया है. इस भूमि अधिग्रहण में तकरीबन 22 सरकारी भवनों के साथ-साथ दूसरे भवनों का भी अधिग्रहण किया गया है. साथ ही 33 करोड़ रुपए का मुआवजा भी दिया गया है. बताया जा रहा है कि बदरीनाथ धाम के लिए अभी तक 250 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं, जिसमें 200 करोड़ रुपए सीएसआर के तहत खर्च होंगे, जबकि 25 करोड़ रुपए नमामि गंगे और 25 करोड़ रुपए विभागीय योजना से लगाए जाएंगे.
पहले फेज में होंगे ये काम:धाम में वन-वे लूप रोड का पहाड़ी शैली के पत्थर से निर्माण होगा. इसमें लगभग 700 मीटर सड़क बनाई जाएगी. अराइवल प्लाजा का निर्माण किया जाएगा, जहां यात्रा टिकट की बुकिंग, होटलों की जानकारी जैसी सुविधाएं तीर्थ यात्रियों को दी जाएगी. बदरीनाथ में स्थित शेष नेत्र झील और बदरीश झील का सौंदर्यीकरण होगा. ये दोनों झीलें लगभग 300 मीटर तक फैली हैं. बदरीनाथ धाम में स्थित अस्पताल का विस्तारीकरण होगा, जिससे कि यहां आने वाले तीर्थयात्रियों को अच्छा उपचार मिल सकेगा. इसके साथ ही धाम में सभी घाटों का सौंदर्यीकरण और निर्माण कार्य किया जाएगा.
100 साल की जरूरत को देखते हुए हो रहा निर्माण:बदरीनाथ धाम को मास्टर प्लान के तहत 100 सालों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जा रहा है. इसी आधार पर बुनियादी ढांचों के विकास के साथ-साथ यात्रियों की सुविधाओं के लिए आवश्यक इंतजाम किए जाएंगे.
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