चमोली: वामन द्वादशी पर्व पर मंगलवार को भगवान बदरीनाथ अपने सैकड़ों भक्तों के साथ माता मूर्ति से मिलने के लिए माणा गांव पहुंचे. दिनभर अपनी माता के सानिध्य में रहने के बाद शाम 4 बजे भगवान बदरीनाथ अपने धाम में विराजमान हुए. भगवान बदरीनाथ का अपराह्न का भोग भी माता मूर्ति मंदिर में ही लगाया गया. इस दौरान बदरी विशाल धाम के कपाट बंद रहे.
माता मूर्ति से मिलने पहुंचे बदरीविशाल. मंगलवार को दिनभर माणा गांव में जय बदरी विशाल के जयकारे पूरे परिसर में गूंजते रहे. सोमवार को भगवान बदरीनाथ को माता मूर्ति ले जाने का न्योता देने के लिए धाम पहुंचे. वहीं, मंगलवार को बदरीनाथ धाम में भगवान नारायण को बाल भोग लगने के पश्चात सुबह 9 बजे भगवान बदरीनाथ के प्रतिनिधि के रूप में उद्धव जी की प्रतिमा को उत्सव डोली में रखकर माणा गांव के लिए प्रस्थान किया गया.
डोली के साथ बदरीनाथ से रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, बीकेटीसी के सीईओ बी.डी सिंह, माता मूर्ति के पुजारी हनुमान प्रसाद के साथ ही सैकड़ों भक्त भी उद्धव जी के साथ यात्रा में शमिल हुए. करीब 3 किलोमीटर की इस पदयात्रा में भगवान बदरी विशाल की विशेष तरह की पूजा-अर्चना कर माणा स्थित माता मूर्ति ले जाया गया.
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वहीं, माणा गांव की महिलाओं ने हरियाली भेंट कर भगवान बदरी विशाल का स्वागत किया. माता मूर्ति मंदिर में भगवान बदरीनाथ और माता मूर्ति की रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने एक साथ पूजा-अर्चना संपन्न की. इस दौरान आईटीबीपी और गढ़वाल स्काउट की ओर से माता मूर्ति मंदिर में भंडारे का भी आयोजन किया गया.