देहरादून:उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनंदा नदी के किनारे बदरीनाथ धाम स्थित है. हिन्दुओं के प्रमुख तीर्थ स्थलों में ये एक यह धाम भगवान विष्णु का श्रद्धेय धार्मिक स्थल है. समुद्र तल से 3133 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ये मंदिर छोटा चार धाम भी कहलाता है. यह मंदिर वैष्णव के 108 दिव्य देसम में प्रमुख है. इसे धरती का बैकुंठ भी कहा जाता है.
मंदिर परिसर में 15 मूर्तियां है, इनमें सब से प्रमुख है भगवान विष्णु की एक मीटर ऊंची काले पत्थर की प्रतिमा है. यहां भगवान विष्णु ध्यान मग्न मुद्रा में सुशोभित हैं. प्रतिमा के दाहिने ओर कुबेर लक्ष्मी और नारायण की मूर्तियां है. बदरीधाम में श्री बदरीनारायण भगवान के पांच स्वरूपों की पूजा अर्चना होती है. विष्णु के इन पांच रूपों को ‘पंच बद्री’ के नाम से जाना जाता है.
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बदरीनाथ के मुख्य मंदिर के अलावा अन्य चार बद्रियों के मंदिर भी यहां स्थापित हैं. बदरीनाथ पांचों मंदिरों में मुख्य है. इसके अलावा योगध्यान बद्री, भविष्य बद्री, वृद्घ बद्री, आदि बद्री इन सभी रूपों में भगवान बदरीनाथ यहां निवास करते हैं.
भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर आदिगुरू शंकराचार्य ने चारों धाम में से एक के रूप में स्थापित किया था. यह मंदिर तीन भागों में विभाजित है, गर्भगृह, दर्शनमण्डप और सभामण्डप. शंकराचार्य की व्यवस्था के अनुसार, बदरीनाथ मंदिर का मुख्य पुजारी दक्षिण भारत के केरल राज्य से होता है. बदरीनाथ की यात्रा का मौसम हर साल छह महीने लंबा होता है, जो अप्रैल से शुरू होता है और नवंबर के महीने में समाप्त होता है.