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पड़ताल: एक कमरे में चल रहा आयुर्वेदिक अस्पताल, 'रामभरोसे' गांववाले

पहाड़ों में चिकित्सीय व्यवस्थाएं कितनी दुरुस्त हैं. इसकी बानगी थराली के दूरस्थ गांव खेता मानमती में देखने को मिलती है. एक कमरे में चल रहा आयुर्वेदिक अस्पताल जहां कागजों में तो डॉक्टर है, लेकिन जाएं तो दिखेगा नहीं.

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Published : Jan 2, 2020, 11:25 PM IST

Updated : Jan 2, 2020, 11:57 PM IST

थराली: पहाड़ों के दूरस्थ गांव में स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने का दावा करने वाली सरकार के लिए ये खबर आंख खोलने वाली है. देवाल विकासखंड के दूरस्थ गांव खेता मानमती में एक मात्र आयुर्वेदिक चिकित्सालय है. जिसके ऊपर लाखों लोग निर्भर है, लेकिन आपकों जानकर ताज्जुब होगा कि यहां एक भी डॉक्टर तैनात नहीं है. डॉक्टर के अलावा जो फार्मासिस्ट रखे गए हैं, उनके भी कभी-कभार ही दर्शन होते हैं.

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आयुर्वेदिक चिकित्सालय में मरीजों को देखने के लिए एक ही कमरा है, जो गलती से महीने में दो-चार दिन ही खुलता होगा. मरीजों को अगर अस्पताल में कोई रोज मिलता है तो वह है कक्ष सेवक जो इसी गांव का है.

सरकार के दावों की हकीकत

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प्रभारी फार्मासिस्ट की तो यहां के ग्रामीणों ने शक्ल तक नहीं देखी. ग्रामीणों के मानें तो यहां तैनात फार्मासिस्ट प्रियंका भारद्वाज महीने में एक या दो बार ही अस्पताल आती हैं. ये अलग बात है कि वो जितनी जल्दी अस्पताल पहुंचती हैं, उससे जल्दी चली जाती हैं. हालांकि, उपस्थिति रजिस्टर में उनकी हाजिरी पूरी रहती है. जब ईटीवी भारत की टीम अस्पताल में पहुंची तो ब्लॉक प्रमुख देवाल दर्शन दानू भी वहां पहुंचे गए. उन्होंने फार्मासिस्ट की शिकायत अधिकारियों करने की बात कही है.

Last Updated : Jan 2, 2020, 11:57 PM IST

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