चमोलीः जोशीमठ में दरार और भू-धंसाव के चलते एशिया की सबसे लंबी रोपवे पर खतरा मंडरा रहा है. लिहाजा, रोपवे प्रबंधन की ओर से सतर्कता बरतते हुए सुरक्षा के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. ताकि भविष्य में रोपवे पर सुरक्षा के मद्देनजर कोई दिक्कतें न आ पाएं. इसके लिए ट्रेप रोप पर एलटीपी भवन परिसर पर काउंटर वेट कम किया जा रहा है. इसके लिए रोप सपोर्ट ब्रैकेट लगाने काम किया जा रहा है.
औली रोपवे प्रबंधन की मानें तो इन दो ट्रेक रूट पर 32 टन और दूसरे पर 32 टन काउंटर वेट कम किया जा रहा है. उनको जमीन पर शिफ्ट किया जा रहा है. हालांकि, टावर 1, 2, 3 में कोई दरार नहीं दिखी है, लेकिन इसके आसपास जमीन पर भारी भू-धंसाव हो रहा है. जिसके चलते सतर्कता बरती जा रही है. जिससे भविष्य में इनसे टावरों और रोप पर अतिरिक्त तनाव न आएं. इससे पहले टावर 1 में दरार देखी जा चुकी है. रोपवे प्रबंधन का कहना है कि टावर में कोई दरार नहीं है, दरार आसपास की जमीन पर है.