देहरादून: देश का हर नागरिक अपनी आजीविका चलाने के लिए छोटे उद्यम शुरू कर सके इसके लिए 2015 में मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) की शुरुआत की थी. योजना के शुरू हुए सालों बीत जाने के बाद भी लोग इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. राजधानी देहरादून के दिव्यांग जन आज भी इस योजना का लाभ न मिल पाने के चलते परेशान हैं.
उत्तराखंड दिव्यांग कल्याण एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बसंत थपलियाल के मुताबिक उनके कई दिव्यांग साथियों को बैंकों की ओर से प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लोन नहीं दिया जा रहा है. स्थिति कुछ ऐसी है कि अपना छोटा व्यापार शुरू करने की इच्छा रखने वाले उनके दिव्यांग साथियों से बैंक जीएसटी नंबर की मांग कर रहा है. ऐसे में उन्हें और उनके साथियों के लिए ये समझ पाना मुश्किल हो रहा है कि जब उनका कोई कारोबार शुरू ही नहीं किया गया तो उसका जीएसटी नंबर आखिर उन लोगों को कैसे मिलेगा?
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बता दें कि पिछले लंबे समय से उत्तराखंड दिव्यांग कल्याण एसोसिएशन से जुड़े कई दिव्यांगजन 50 हजार से 1 लाख तक का प्रधानमंत्री मुद्रा लोन लेने के लिए बैंकों के कई चक्कर लगा चुके हैं. लेकिन हमेशा की ही तरह उन्हें मायूस लौटना पड़ा है. जिससे उत्तराखंड दिव्यांग कल्याण एसोसिएशन की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजा गया है. जिसमें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत मिलने वाले लोन की प्रक्रिया को और आसान बनाने की दरख्वास्त की गई है.