देहरादूनः राज्य की भाजपा सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों का आवास और अन्य खर्च कर दिए हैं. हालांकि सरकार के इस फैसले को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि एक तरफ सरकार किसानों की कर्ज माफी पर आर्थिक संसाधन का रोना गाती है तो दूसरी ओर सरकार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों का भारीभरकम आवास किराया व अन्य खर्च माफ कर रही है. सरकार के इस फैसले से निश्चित रूप से सरकारी खजाने पर इसका असर पड़ेगा.
गौरतलब है कि धन का दुरुपयोग करने के मामले में रूरल लिटिगेशन एंड एंटरटेनमेंट केंद्र के अध्यक्ष अवधेश कौशल ने याचिका दायर की थी. जिसमें कौशल ने बताया था कि उत्तराखंड के पास सीमित आर्थिक संसाधन है बावजूद इसके सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है. इसके साथ ही याचिका में पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवास को खाली करने और बाजार के रेट पर आवास का किराया वसूलने की बात कही थी.
हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास खाली करने को कहा था. इसके साथ ही सरकार को निर्देश दिए थे कि सरकार, पूर्व मुख्यमंत्रियों से किराया वसूले और फिर सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास का किराया 1200 रुपए महीने किराया तय किया था जिसके बाद फिर अवधेश कौशल ने याचिका में हाई कोर्ट को अवगत कराया कि 1200 रुपए में एक झोपड़ी भी नहीं मिलती है जिस वजह से पूर्व मुख्यमंत्रियों से बाजार रेट पर आवास किराया वसूला जाए.
जिसके बाद अब उत्तराखंड सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास किराया और अन्य खर्चों को माफ करने का फैसला लिया है और सरकार ने बीते दिन पूर्व मंत्रियों के खर्चे को माफ करने के फैसले को पूरक शपथ पत्र दाखिल कर हाईकोर्ट को जानकारी दे दी है.