देहरादूनः केंद्र में पीएम मोदी की कैबिनेट पूरी तरह से तैयार है. उत्तराखंड से डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को भी मंत्रिमंडल में जगह मिली है. हरिद्वार लोकसभा सीट से दूसरी बार सासंद बने रमेश पोखरियाल निशंक का सियासी कद में ऐसे कई पायदान जुड़े हैं, जिन्हें चढ़ने के बाद आज वह मोदी कैबिनेट में शामिल हुए हैं. तो वहीं उनके इस राजनैतिक सफरनामे में कुछ खट्टी यादें भी जुड़ी हैं. ऐसी ही निशंक के बतौर सीएम एक खट्टी याद 2011 से जुड़ी है, जहां उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था. क्या है पूरा वाकिया पढ़िए.
साल 1991 में कर्णप्रयाग विधानसभा से बतौर विधायक राजनीति में आने वाले डॉ. रमेश पोखरियाल निंशक का राजनीतिक कद आज इतना ऊंचा हो गया है कि उनके अनुभव और कार्यशैली का डंका केंद्र में भी बजने लगा है.
गुरुवार को सुबह से ही मोदी कैबिनेट में निशंक को जगह मिलने की खबरों ने देखते ही देखते आग पकड़ ली जिसके बाद उनके सियासी कद में इसे एक और बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन निंशक के इस सफरनामे में कुछ खट्टी यादें भी जुड़ी हुई हैं.
ये वाकया साल 2007 से 2012 तक की भाजपा सरकार से जुड़ा है, जहां 2009 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के प्रदेश में खराब प्रदर्शन के चलते मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी को हटाकर रमेश पोखरियाल पर हाईकमान ने भरोसा जताया था,