देहरादून: पंचायत चुनाव को लेकर राज्य सरकार ने प्रत्याशियों के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है. जिसके बाद से ही सूबे के सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है. शैक्षिक योग्यता और दो बच्चों की अनिवार्यता के फैसले से जहां सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है तो वहीं विपक्ष को इस नियम में कई खामियां नजर आ रही हैं. जिसके चलते विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश में लगा है.
उत्तराखंड में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर त्रिवेन्द्र सरकार ने दो बच्चों और शैक्षिक योग्यता की अनिवार्यता का नियम ला कर अपना मास्टर कार्ड खेला है. जिसकी हर तरफ प्रशंसा हो रही है. वहीं विपक्ष सरकार के इस मास्टर स्ट्रोक में कई तरह की खामियां निकालकर सरकार को घेरने में लगा हुआ है.
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कांग्रेस विधायक करन मेहरा का कहना है इस तरह की शैक्षिक योग्यता से हम किसी भी व्यक्ति के हुनर का आंकलन नहीं कर सकते हैं. साथ ही दो बच्चों की अनिवार्यता भी कई तरह की तकनीकी दिक्कतों को खड़ा कर रही है. जैसे कि अगर कोई महिला 2 बच्चों के बाद भी गर्भवती है तो उसके लिए क्या प्रावधान होगा? करण माहरा ने कहा कि क्या ये नियम भ्रूण हत्या जैसे अपराध को भी प्रोत्साहन नहीं दे रहा है?