देहरादून: आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत इन दिनों उत्तराखंड के दौरे पर हैं. आगामी लोकसभा चुनाव के नजरिये से भागवत का ये दौरा बेहद खास माना जा रहा है. ये ऐसा पहला मौका होगा जब भागवत इतने लंबे समय के उत्तराखंड प्रवास पर हैं. भागवत प्रदेश के बुद्दिजीवियों से मिलकर आगामी लोकसभा चुनाव के माहौल की नब्ज टटोलने की कोशश में लगे हैं. भागवत के दौरे और उनके कार्यक्रमों को देखकर साफ तौर पर कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों प्रदेश में कोई बड़ी हलचल देखने को मिल सकती है.
संघ प्रमुख के इस दौरे को सियासी नजरिए से बेहद अहम माना जा रहा है. भागवत लगातार राजनीतिक लोगों से मिलकर लोकलभा चुनाव का मिजाज जानने में लगे हैं. इसके अलावा मोहन भागवत के देहारादून में होने के बावजूद भी सीएम का स्टेट प्लेन लेकर आरएसएस नागपुर कार्यालय जाना बहुत से समीकरणों की ओर इशारा कर रहा है. गौरतलब है कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ हरिद्वार लोकसभा सीट के कई बड़े नेता भी नागपुर गये.
जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में भाजपा हरिद्वार लोकसभा सीट से किसी बड़े नेता को उतारने की तैयारियों में जुटी है. इससे पहले हरिद्वार लोकसभा सीट से पीएम मोदी के चुनाव लड़ने की चर्चाएं भी आम हैं. आरएसएस प्रमुख का उत्तराखंड प्रवास और केंद्रीय नेताओं के लगातार दौरे से भी इस बात को और बल मिल रहा है कि बीजेपी आने वाले लोकसभा चुनाव में कोई बड़ा गुल खिलाने वाली है. अगर उत्तराखंड की किसी लोकसभा सीट से पीएम या कोई भी बड़ा बीजेपी नेता खड़ा होता है तो उत्तराखंड सहित हिमाचल और वेस्ट यूपी की सीटों पर इसका असर पड़ना तय माना जा रहा है. जिसके कारण भागवत लगातार लोगों से मिलकर जनता की जब्ज टटोल रहे हैं.
मोहन भागवत के दौरे से प्रदेश में बढ़ी सियासी हलचल, हरिद्वार सीट से किसी बड़े नेता को उतारने की तैयारी में बीजेपी!
संघ प्रमुख के इस दौरे को सियासी नजरिए से बेहद अहम माना जा रहा है. भागवत लगातार राजनीतिक लोगों से मिलकर लोकलभा चुनाव का मिजाज जानने में लगे हैं. इसके अलावा मोहन भागवत के देहारादून में होने के बावजूद भी सीएम का स्टेट प्लेन लेकर आरएसएस नागपुर कार्यालय जाना बहुत से समीकरणों की ओर इशारा कर रहा है
भागवत के दौरे से बढ़ी सियासी हलचल
बात अगर आरएसएस प्रमुख की करें तो वे पहले ही दिन से लगातार प्रदेश की जनता की नब्ज को टटोलने में लगे हैं. साथ ही बड़ी बात ये ही कि प्रदेश प्रवास के अब तक के दिनों में भागवत ने अभी तक किसी शाखा को संबोधित नहीं किया और न ही उनका कोई कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिससे स्पष्ट होता है कि भागवत का ये दौरा शुद्द रूप से लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर तय किया गया है.