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छुट्टी की जगह इस्तीफा देने वाले PCS गौरव चटवाल को मिली मनचाही पोस्टिंग, दोबारा नैनीताल ट्रांसफर

गुरुवार को उत्तराखंड शासन में आठ अधिकारियों को इधर-उधर किया गया है. दो आईएएस को नई जिम्मेदारी दी गई है तो वहीं सात पीसीएस अधिकारियों समेत पांच सचिवालय सेवा के अधिकारियों को नई नियुक्ति दी गई है.

PCS गौरव चटवाल

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Published : Jun 13, 2019, 8:38 PM IST

देहरादून:मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मंजूरी के बाद 13 मई को उत्तराखंड शासन ने कुल 14 अधिकारियों को नई जिम्मेदारी दी है. दो आईएएस, सात पीसीएस समेत पांच सचिवालय सेवा के अधिकारियों को इधर से उधर किया गया है. इस लिस्ट में पीसीएस अधिकारी गौरव चटवाल का नाम भी शामिल है. चटवाल वही अफसर हैं जो हाल ही में अपने इस्तीफे के कारण चर्चाओं में रहे थे.

दरअसल, उत्तराखंड में आचार संहिता हटने के बाद शासन स्तर पर नई जिम्मेदारियों को लेकर पहली लिस्ट आज जारी कर दी गई है. पीसीएस अधिकारी गौरव चटवाल को रुद्रप्रयाग से हटाकर नैनीताल का डिप्टी कलेक्टर बनाया गया है. ये वही अधिकारी हैं जिन्होंने कुछ दिनों पहले ही केदारनाथ धाम में ड्यूटी करने से हाथ खड़े कर दिये थे. धाम में तैनाती के केवल 15 दिन बाद ही एसडीएम और यात्रा मजिस्ट्रेट गौरव चटवाल ने डीएम मंगेश घिल्डियाल को इस्तीफा सौंप दिया था.

बता दें कि-

  • केदारनाथ धाम में यात्रा ड्यूटी में असमर्थता जताते हुए उपजिलाधिकारी/यात्रा मजिस्ट्रेट गौरव चटवाल ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था.
  • उन्होंने इस संबंध में अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी के नाम लिखा पत्र रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल को भेजा था.
  • जिलाधिकारी ने उनका पत्र शासन को भेज दिया था.
  • चटवाल को बीती 13 मई को केदारनाथ में तैनाती दी गई थी.
  • इससे पूर्व वह जनपद नैनीताल की कोश्या कुटौली तहसील में तैनात थे.
  • 18 व 19 मई को धाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रमण के चलते जिलाधिकारी ने उन्हें वीआईपी ड्यूटी का जिम्मा सौंपा था.
  • 17 से 30 मई तक चटवाल ने केदारनाथ में बतौर यात्रा मजिस्ट्रेट के रूप में अपनी ड्यूटी निभाई.
  • बीती 31 मई को एकाएक उन्होंने केदारनाथ में ड्यूटी करने से हाथ खड़े कर दिये थे.

हालांकि, ये मामला चर्चा में आने के बाद गौरव चटवाल ने जिलाधिकारी को एक और पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि केदारनाथ में अत्यधिक ठंड होने से वो मानसिक तौर पर अस्वस्थ हो गये थे और आकस्मिक छुट्टी का प्रार्थना पत्र लिखने की जगह उन्होंने गलती से त्याग पत्र लिख दिया.

अब उत्तराखंड शासन द्वारा हुये ट्रांसफर में गौरव चटवाल की मांग मानते हुये उनको रुद्रप्रयाग से दोबारा नैनीताल भेज दिया गया है. इस आदेश से साफ झलकता है कि गौरव चटवाल के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की जगह उनको दुर्गम सेवा से राहत दी गई है.

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