मसूरी: टिहरी जिले की नैनबाग तहसील के एक गांव में 9 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई है. रविवार को अचानक पीड़िता की तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद दुष्कर्म पीड़िता को मसूरी-लंढौर कम्युनिटी अस्पताल लाया गया. जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद पीड़िता को मसूरी सिविल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेफर कर दिया गया. पीड़िता की हालत ज्यादा बिगड़ने पर उसे दून मेडिकल कॉलेज की महिला विंग रेफर कर दिया गया.
वहीं कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने पीड़िता के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी है. इस दौरान आर्य ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि मामले में आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मामले की गंभीरता को देखते हुए बाल बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी भी पीड़िता से मिलने दून मेडिकल कॉलेज पहुंची. वहीं मामले में पोक्सो एक्ट में तहत मुकदमा दर्ज होने के बाद अब तक मामले में टाल मटोल कर रही पुलिस बैकफुट पर नजर आ रही है.
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पीड़िता को दून रेफर करने से पहले डॉक्टरों ने बताया कि पीड़िता सदमे में होने के कारण काफी घबराई हुई है. इस दौरान दलित समुदाय के लोगों ने जमकर अस्पताल में हंगामा काटा. लोगों ने पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठाये. लोगों ने कहा कि पुलिस पीड़िता और उसके परिजनों का उत्पीड़न कर रही है. सामाजिक कार्यकर्ता जबर सिंह वर्मा ने कहा कि पुलिस मामले को रफा-दफा करने के लिए पीड़िता के परिजनों को परेशान कर रही है. उन्होंने पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारियों से नरेंद्रनगर के सीओ उत्तम सिंह जिमिवाल पर मामले में लीपापोती करने का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने सीओ को तत्काल सस्पेंड कर दूसरे अधिकारी को जौनपुर क्षेत्र में एससी एसटी एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे की जांच कराने की मांग की है. सामाजिक कार्यकर्ता ने जल्द मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है.