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डीजीपी ने पढ़ाया 'स्मार्ट पुलिसिंग' का पाठ, भू माफिया पर गैंगस्टर एक्ट के तहत हो कार्रवाई - review meeting

प्रदेश भर में संगीन अपराधों के मुकदमे लंबित होने के मामले पर डीजीपी ने नाराजगी जताते हुए तय समय सीमा पर विवेचना पूरी कर मुकदमों को कानूनी प्रक्रिया के तहत गति देने के सख्त निर्देश दिए.

डीजीपी ने ली समीक्षा बैठक.

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Published : May 27, 2019, 7:46 PM IST

देहरादून: प्रदेश में चारधाम यात्रा जोरों पर है. ऐसे में प्रदेश में यात्रा मार्गों पर यातायात व्यवस्था की बदहाली और कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन सजग दिखाई दे रहा है. इसी कड़ी में सोमवार को उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने राज्य के सभी 13 जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों सहित गढ़वाल व कुमाऊं रेंज के अधिकारियों के साथ पुलिस मुख्यालय में समीक्षा बैठक की. इस दौरान डीजीपी ने राज्य में अपराध पर लगाम लगाने के अलावा पुरानी खामियों से पार पाने के लिए प्रोफेशनल पुलिसिंग पर जोर देने की बात कही. साथ ही डीजीपी ने पुलिस की कार्यशैली में सुधार लाने के लिए भी दिशा निर्देश दिए.

डीजीपी ने ली समीक्षा बैठक.

प्रदेश भर में संगीन अपराधों के मुकदमे लंबित होने के मामले पर डीजीपी ने नाराजगी जताते हुए तय समय सीमा पर विवेचना पूरी कर मुकदमों को कानूनी प्रक्रिया के तहत गति देने के सख्त निर्देश दिए. डीजीपी ने चार धाम यात्रा सहित प्रदेश भर में कानून व्यवस्था सहित स्मार्ट पुलिसिंग पर जोर देते हुए अलग-अलग बिंदुओं पर तत्काल अमल में लाने के निर्देश दिए.

यात्रा मार्गों पर निर्माण कार्यों के चलते यातायात बहाल रखना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती: डीजीपी
वहीं डीजीपी ने चारधाम यात्रा के दौरान देश-विदेश से भारी संख्या में चार धाम आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता देने की बात कही. इसके साथ ही उन्होंने अलग-अलग धामों के मार्गों के बाधित होने पर यातायात को बहाल रखने के सभी जिलों के प्रभारियों को दिशा निर्देश दिए. डीजीपी ने माना कि चार धाम मार्गों सहित राज्य के अन्य पर्यटक पड़ावों पर भी लगातार सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है. जिसके चलते यातायात बहाल रखना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. हालांकि डीजीपी ने माना कि तमाम तरह की व्यवस्था सुचारू रखने के लिए प्रदेश की पुलिस फोर्स को यात्रियों की हर संभव मदद देने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं. ताकि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को कम से कम असुविधा का सामना करना पड़े.

संगीन अपराध पर त्वरित कार्रवाई करने की निर्देश दिए गए: डीजीपी

प्रदेश भर के आला पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान डीजीपी ने माना कि कई तरह के जघन्य अपराधों के मामलों पर राज्य की पुलिस ने बेहतर कार्रवाई की है. लेकिन अभी भी ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जहां गंभीर तरह के अपराधों पर पुलिस जरूरत के मुताबिक कार्रवाई नहीं कर रही है. ऐसे में सभी को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी दबाव में न आकर निष्पक्ष रूप से तत्काल कानूनी कार्रवाई को अमल में लाया जाए.

क्रिमिनल इंटेलिजेंस बढ़ाने व साइंटिफिक एविडेंस पर जोर

डीजीपी ने माना कि वर्तमान में चल रहे हाईटेक क्रिमिनल इंटेलिजेंस पर पुलिस को अधिक ध्यान देकर सुधार करने की जरूरत है. ऐसे में इस तरफ भी बेहतरी के निर्देश दिए गए हैं. डीजीपी ने कहा कि जघन्य व संगीन अपराधों की विवेचनाओं पर और अधिक साइंटिफिक एविडेंस ( साक्ष्य सबूत) एकत्र कर उसकी सही विवेचना करने की आवश्यकता है.

मानसून में पुलिस आपदा प्रबंधन टीम को सतर्क रखकर तैयारी

मानसून को देखते हुए डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी ने बताया कि पुलिस की आपदा इकाइयों को सतर्क रहते हुए आपातकाल स्थिति में अपने सभी उपकरणों के साथ तैयार रहने की हिदायत दी गई है. प्रदेश के सभी थाना चौकी, एसडीआरएफ, जल पुलिस, फायर सर्विस सहित अन्य सभी बचाव टीमों को जरूरी प्रशिक्षण देकर राहत बचाव कार्य के लिए दिशा निर्देश दे दिए गए हैं.

डीजीपी द्वारा प्रदेश पुलिस को दिए गए जरूरी दिशा निर्देश

  1. चारधाम यात्रा के दृष्टिगत सिंह द्वार हरिद्वार से नटराज चौक ऋषिकेश तक रूट को 8 से 10 भागों में बांटा गया है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून हरिद्वार व टिहरी आपस में समन्वय स्थापित कर सुनिश्चित करें कि यातायात सुचारू रूप से चले व जाम की स्थिति न हो.
  2. पर्यटन सीजन के पीक टाइम को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल व देहरादून को नैनीताल से मसूरी की यातायात व्यवस्था की ओर बेहतर कदम उठाते हुए पर्यटकों को असुविधा और जाम की स्थिति से निजात दिलाने पर कार्रवाई हो.
  3. मॉनसून के दृष्टिगत अपने-अपने जनपदों में आपदा के लिए उपलब्ध पुलिस बल उपकरण व अन्य संसाधनों का भली-भांति परीक्षण कर उन्हें चिन्हित स्थानों पर उपलब्ध करा दिया जाए. जिससे किसी प्रकार की आपदा की स्थिति में तत्काल राहत व बचाव कार्य किया जा सके.
  4. लूट डकैती नकद व चोरी की घटनाओं का अध्ययन कर उसकी रोकथाम के लिए अनुकूल उपाय किए जाने व थानाध्यक्ष द्वारा 24 घंटे के अंदर घटनास्थल का निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए. घटनास्थल से फिंगर प्रिंट व अन्य वैज्ञानिक साक्ष्य प्राप्त करने की ओर अधिक ध्यान देने की जरूरत है.
  5. पेशेवर अपराधियों की वर्तमान स्थिति जेल या जमानत पर बाहर हैं तो उन पर नजर बनाए रखने के निर्देश.
  6. स्मार्ट पुलिसिंग पर जोर देते हुए जनपद प्रभारियों को सीसीटीवी मैपिंग कराए जाने के लिए निर्देश दिए. साथ ही अपराधों में कमी लाने के लिए स्थानीय लोगों का साथ और सीसीटीवी लगाने के लिए जागरूक करने के दिशा निर्देश दिए.
  7. साइबर क्राइम के मामलों में जैसे एटीएम बॉब बैंक फ्रॉड आदि में तत्काल एफआईआर दर्ज कर अपराधियों की गिरफ्तारी कर कड़ी वैधानिक कार्रवाई करने के साथ ही पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए निष्पक्ष विवेचना करने के निर्देश सभी को दिये. साथ ही सभी जिलों में साइबर सेल स्थापित कर मासिक समीक्षा करने के निर्देश.
  8. बलात्कार व पॉक्सो एक्ट से संबंधित मुकदमों की विवेचना 2 माह के भीतर पूरा करने के निर्देश.
  9. भू माफिया पर गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई की जाए साथ ही गुंडा एक्ट के अपराधियों पर जिला बदर की कार्रवाई की जाए.
  10. एक वर्ष से अधिक समय से लंबित विवेचना की समीक्षा का निस्तारण किया जाए.
  11. सभी जनपद प्रभारियों को अपने-अपने जिलों की यातायात की चुनौतियों को समझने, जनता को साथ लेकर चलने और यातायात प्रबंधन के लिए कार्य योजना तैयार करते हुए अपने अपने जनपदों में स्वयं भ्रमण कर ब्लैक स्पॉट सड़क दुर्घटना प्रभावित क्षेत्रों का चिन्हीकरण कर उस पर तत्काल जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश.

शिकायती प्रार्थना पत्र की जांच की गुणवत्ता पर गंभीरता से ध्यान देते हुए उसका समय से निस्तारण करने के निर्देश

साथ ही डीजीपी ने सोशल मीडिया पर आक्रामक संदेश पोस्ट करने वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर थाने बुलाने के निर्देश देकर उनकी काउंसिलिंग करने की बात कही. ताकि वे भविष्य में ऐसी गलती न करें. साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर निरंतर निगरानी रखने की बात कही, जिससे सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचना न फैलाई जा सके.

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