देहरादून: केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जून 2017 में राजधानी देहरादून का चयन किया गया था. जिसके तहत राजधानी को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करना था. लेकिन लगभग डेढ़ साल बीत जाने के बावजूद राजधानी में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर सिर्फ 2 कार्य नजर आते हैं. जिसमें घंटाघर से राजपुर रोड तक स्मार्ट पार्किंग का निर्माण और 1 एक वाटर एटीएम शामिल है.
बता दें कि जून 2017 में जब देहरादून का चयन केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी योजना के तहत हुआ था. तब राज्य सरकार से लेकर नगर निगम ने इसका श्रेय लेते हुए कहा था कि आप जल्द ही दून को स्मार्ट सिटी के रूप में देखेंगे. लेकिन लगभग 2 साल बीत जाने के बाद सिर्फ दो कार्य ही हो पाए हैं. ऐसे में बाकि के तीन सालों में देहरादून कितना स्मार्ट हो पाएगा.
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स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बीते डेढ़ सालों में राजधानी देहरादून में हुए विकास कार्यों को लेकर जनता का कहना था कि यदि देहादून को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए तेजी से काम करना होगा. नहीं तो स्मार्ट सिटी का सपना सिर्फ सपने ही बनकर रह जाएगा. वहीं, कई लोगों का कहना था कि इस चुनावी दौर में किसी भी राजनीतिक दल ने दून के विकास को अपना मुद्दा नहीं बनाया. जिसे देख कर लगता है कि राजनीतिक दलों की दिलचस्पी सिर्फ सत्ता हासिल करने में है, विकास कार्यों में नहीं.
स्मार्ट सिटी के तहत राजधानी में किए जाने वाले कुछ मुख्य विकास कार्य-
शहर के चौराहों का चौड़ीकरण
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत दून के घंटाघर, परी चौक, कनक चौक, क्वालिटी चौक और राजौरी गार्डन का चौड़ीकरण होना था. लेकिन अब तक यहां धरातल पर कोई कार्य नजर नहीं आया. इसके अलावा सभी आधुनिक सेवाओं को संचालित करने के लिए सेंट्रल कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम भी शुरू होना था. लेकिन यह भी अब तक शुरू नहीं हो पाया है.