नैनीताल:उत्तराखंड की जनता सभी पांचों लोकसभा सीटों के लिये 11 अप्रैल को अपने मताधिकार का प्रयोग करेगी और इसी के साथ सभी प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो जाएगा. चुनाव से पहले जनता का मन टोटलने की कोशिश के तहत ईटीवी भारत की टीम उत्तराखंड की नैनीताल-उधमसिंह नगर सीट का सूरत-ए-हाल जानने नैनीताल पहुंची. इस दौरान हमने हर वर्ग के लोगों से बातचीत की और जाना कि क्या रहेगा 'चुनाव भारत का'.
प्रदेश में 11 अप्रैल को मतदान होना है. उससे पहले सभी सियासी दल वोटों की जुगत में लगे हैं. अभी तक हमने आपको उत्तराखंड की हरिद्वार, टिहरी और पौड़ी लोकसभा सीटों के बारे में बताया. इस कड़ी में आज हम आपको नैनीताल लोकसभा सीट के बारे में बताएंगे. नैसर्गिक सुंदरता से लबरेज नैनीताल इन दिनों चुनावी रंग में रंगा है. हर जगह चुनावी जनसभाएं,रैलियां हो रही हैं. ऐसे में सरोवर नगरी एक अलग ही रंग में नजर आ रही है.
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नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट में नैनीताल और उधमसिंह नगर जिले की 14 विधानसभाएं आती हैं. इस समय इस सीट पर बीजेपी का कब्ज़ा है. साल 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में यहां भगत सिंह कोश्यारी ने कांग्रेस के केसी बाबा को बड़े अंतर से हरा कर इस सीट पर जीत दर्ज की थी. आईये अब बात करते हैं नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट के इतिहास की. नैनीताल-ऊधमसिंह नगर संसदीय क्षेत्र को 2002 में गठित परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद 2008 में गठित किया गया था. जिसके बाद 2009 में पहली बार इस क्षेत्र में लोकसभा चुनाव हुए. जिसमें कांग्रेस के केसी बाबा ने जीत दर्ज की.
इन तमाम समीकरणों को देखते हुए जहां कांग्रेस ने नैनीताल-उधमसिंह नगर सीट पर हरीश रावत के रुप में ठाकुर प्रत्य़ाशी पर दांव लगाया है तो वहीं बीजेपी ने अजय भट्ट पर दांव खेला है. वहीं निर्दलीय उम्मीदवार भी इन राजनीति के दिग्गजों से दो-चार करने के लिए दमखम से मैदान में हैं. ऐसे में अब ये देखने वाला बात होगी कि आने वाले चुनावों में हरीश रावत की राह आसान होती है या फिर भट्ट मैदान मारने में सफल होते हैं