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शौक बड़ी चीजः यहां प्रथम विश्व युद्ध के सामान से लेकर कैमरों तक का है शानदार कलेक्शन - dehradun

देहरादून के रहने वाले अमर धुनंदा को पुराने सामान संजोने का शौक है. अमर धुनंदा के पास पुरानी चीजों का अच्छा खासा कलेक्शन है. इनके पास सबसे पहले बने कैमरे में से एक कैमरा जॉर्ज भी शामिल है.

शौक बड़े काम की चीज है.

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Published : Apr 28, 2019, 3:14 PM IST

Updated : Apr 28, 2019, 6:39 PM IST

देहरादून: आधुनिक दौर में जहां लोगों को नई-नई चीजें रखने का शौक बढ़ रहा है. वहीं, देहरादून के रहने वाले अमर धुनंदा को पुराने सामान संजोने का शौक है. अमर धुनंदा के पास पुरानी चीजों का अच्छा खासा कलेक्शन है. इनके पास सबसे पहले बने कैमरे में से एक कैमरा जॉर्ज भी शामिल है. साथ ही इनके कलेक्शन में पहले विश्व युद्ध की नीलाम हुई टेबल भी मौजूद है.

शौक बड़े काम की चीज है.

देहरादून के रहने वाले अमर धुनंदा बिजनेसमैन हैं. लेकिन पुरानी चीजों को इकट्ठा करने के शौक के लिए वे भारत के अलग-अलग राज्य ही नहीं बल्कि विदेश जाने से भी पीछे नहीं हटते. अमर का ये शौक पुराने कैमरे के कलेक्शन के साथ शुरू हुआ. उन्होंने भारत के अलग-अलग राज्यों में ऐसे कैमरों की तलाश की जिनको लोगों ने कभी नहीं देखा. आज अमर के पास लगभग 250 से ज्यादा ऐसे कैमरे हैं.

अमर बताते हैं कि इन कैमरों को लेने के लिए उन्होंने देश के कई राज्यों की यात्रा की है. चंद रुपयों में मिले कैमरों की कीमत आज लाखों में है. अमर कहते हैं कि उनका ये शौक बहुत पुराना है और इस शौक को पूरा करने के लिए उन्होंने अपने घर में अलग से जगह बनाई हुई है. हालांकि, अमर बताते है कि उन्हें फोटोग्राफी में कोई इन्ट्रेस्ट नहीं है. वे आने वाली पीढ़ी को ये सौगात देना चाहते हैं.

कैमरे ऐसे जो आज तक न देखें हो

अमर धुनंदा के पास दुनिया का सबसे पहले कमैरे में से एक कैमरा जॉर्ज तो है ही साथ ही लगभग 100 साल पुराने मैक्स, जीरो जा, मेस्ड, पिनहोल और ए कैमरा भी है. अमर के पास 1888 से लेकर कई ऐसे पुराने कैमरों का कलेक्शन है जो अब देखने को नहीं मिलते.

पहले विश्व युद्ध की टेबल

अमर धुनंदा के खजाने में पहले विश्व युद्ध की नीलाम हुई टेबल भी मौजूद है. इस टेबल को सबसे पहले बर्मा में नीलाम किया गया था. जिसके बाद अमर ने यह टेबल लगभग ₹400 में खरीदी थी. लेकिन आज इस टेबल की कीमत पुरातत्व विभाग लगभग ₹20,00,000 बताता है.

हस्तलिखित रामायण

अमर के पास हस्तलिखित रामायण भी है. उन्हें जब ये पता चला कि विदेश में किसी के पास हस्तलिखित रामायण है. तब उन्होंने उस व्यक्ति से संपर्क किया और आज उनके पास ये कीमती धरोहर है.

अमर धुनंदा के खजाने के अन्य सामान

अमर धुनंदा के खजाने में लगभग 120 साल पहले लोगों को जागरूक करने के लिए बड़े पर्दे पर चलाए जाने वाले पेपर प्रिंट भी मौजूद है. जिनमें रामायण से लेकर दूसरे किस्से कहानियां भी मौजूद हैं. उस वक्त में ये पेपर प्रिंट ही लोगों के मनोरंजन का साधन थे.

Last Updated : Apr 28, 2019, 6:39 PM IST

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