देवभूमि की राजनीति के 'प्रकाश' का सफरनामा, एक नज़र - pant died due to cancer
प्रदेश के वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश पंत के असमय निधन से हर कोई स्तब्ध है. पंत के अंतिम समय में उनकी पत्नी, बेटी और भाई भूपेश पंत उनके साथ चट्टान की तरह खड़े रहे लेकिन पंत के निधन से मजबूत खड़ी ये चट्टान मानों पल भर में बिखर गई.
'प्रकाश' का सफरनामा.
देहरादून: प्रकाश पंत...एक ऐसा नाम जो हर किसी के जहन में जज्जबातों की तरह बसता है...उनकी बेदाग छवि और कार्यकुशलता उन्हें अजेय बनाती है. लेकिन प्रदेश की पॉलीटिक्स में कभी न हारने वाला ये चेहरा इस बार मौत से जिंदगी की जंग हार कर सबसे दूर चला गया. आइये एक नजर डालते हैं प्रकाश पंत के सफरनामे पर-
- प्रकाश पंत का जन्म 11 नवंबर 1960 को पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट के चौढियार गांव में हुआ था
- उनके पिता का नाम मोहन चंद्र और मां का नाम कमला पंत है
- प्रकाश पंत 1977 से छात्र राजनीति में सक्रिय थे
- 1984 में पंत ने सरकारी सेवा से त्याग पत्र देकर समाज सेवा का काम शुरू किया
- जिसके बाद उन्होंने बीजेपी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की
- 1988 में पंत नगर पालिका परिषद पिथौरागढ़ के सदस्य बने
- जिसके बाद 1998 में वह पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में सदस्य निर्वाचित हुये
- राज्य गठन के बाद अंतरिम विधानसभा में 2001 में वह उत्तराखंड के प्रथम विधानसभा अध्यक्ष भी रहे
- 2007 में पंत दूसरी बार निर्वाचित होकर सरकार में कैबिनेट मंत्री बने
- साल 2012 में प्रकाश पंत पिथौरागढ़ से चुनाव हार गए गए थे
- 2017 में हुए चुनावों में उन्होंने एक बार फिर पिथौरागढ़ से जीत दर्ज की
- जिसके बाद उन्हें सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया
- इससे पहले प्रदेश में सीएम पद को लेकर भी प्रकाश पंत का नाम काफी चर्चाओं में रहा
- त्रिवेंद्र सरकार में प्रकाश पंत के पास वित्त के साथ संसदीय कार्य, पेयजल एवं स्वच्छता, आबकारी, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग जैसे अहम विभाग थे
- 5 जून, 2019 को अमेरिका के टैक्सास अस्पताल में प्रकाश पंत का निधन हुआ
- प्रकाश पंत लंबे समय से कैंसर की बिमारी से जूझ रहे थे.
- प्रदेश की राजनीति में प्रकाश पंत सौम्य और व्यवहार कुशल व्यक्ति तौर पर जाने जाते थे.