बागेश्वरः कौसानी के राजकीय प्राथमिक विद्यालय सौली में तैनात एक शिक्षक की मौत हो गई है. उनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई है. इस साल कोरोना से बागेश्वर जिले में यह पहली मौत है. बीते साल जिले में कोरोना से 17 व्यक्तियों की मौत हो गई थी. वहीं, राजकीय प्राथमिक विद्यालय सौली के शिक्षक नीरज पंत कौसानी स्टेजिंग एरिया में ड्यूटी पर तैनात थे.
दरअसल, बीते 18 अप्रैल को शिक्षक नीरज पंत ने आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए सैंपल दिया था. जांच रिपोर्ट बीते दिन यानी 25 अप्रैल को आई. जिसमें वो कोरोना पॉजिटिव पाए गए. जिसके बाद शिक्षक नीरज पंत ने इंसीडेंट कमांडर, स्टेजिंग एरिया कौसानी के माध्यम से मुख्य विकास अधिकारी/नोडल अधिकारी बागेश्वर को पत्र लिखा. जिसमें खुद की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने की बात लिखी है और कहा है कि वो अपने बेहतर इलाज के लिए हल्द्वानी जाना चाहते हैं. पत्र में इसके लिए अनुमति का अनुरोध किया गया है.
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इसकी सूचना मिलने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैजनाथ से एंबुलेंस भेजी गई और नीरज पंत को बाद में एंबुलेंस से कोविड अस्पताल बागेश्वर ले जाया गया, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया. इधर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैजनाथ के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. राजेश गुंज्याल ने कोरोना पॉजिटिव शिक्षक नीरज पंत की मौत की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि शिक्षक नीरज पंत इन दिनों कौसानी स्टेजिंग एरिया में ड्यूटी पर थे.
बागेश्वर जिले में 18 पहुंची कोरोना से मरने वालों की संख्या
वहीं, बागेश्वर जिले में कोरोना से मरने वालों की संख्या 18 हो गई है. शिक्षक नीरज पंत की मौत इस साल बागेश्वर जिले में कोरोना से पहली मौत है. शिक्षक पंत अपने पीछे पत्नी व दो छोटे बच्चों को रोता-बिलखता छोड़ गए हैं. उनके निधन की खबर लगते ही शिक्षकों में शोक की लहर फैल गई है.
शिक्षक संघ ने की फ्रंट लाइन वॉरियर्स घोषित करने की मांग
उधर, शिक्षक नीरज पंत की कोरोना से हुई आकस्मिक मौत पर शिक्षक संगठनों ने गहरा शोक व्यक्त किया है. शिक्षक संगठनों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर शिक्षकों को फ्रंट लाइन वॉरियर्स घोषित कर ड्यूटी कर रहे शिक्षकों का टीकाकरण कर उन्हें पीपीई किट उपलब्ध कराने की मांग की है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्याओं का तत्काल निराकरण नहीं हुआ तो वे कोविड ड्यूटी का विरोध करेंगे.
राजकीय शिक्षक संगठन के मण्डल अध्यक्ष विजय गोस्वामी ने कहा कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच स्टेजिंग एरिया एवं अन्य स्थानों पर शिक्षकों की तैनाती की जा रही है. इसके बावजूद शिक्षकों को अंग्रिम पंक्ति के कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया गया है. कोविड ड्यूटी कर रहे शिक्षकों का प्रशासन की ओर से टीकाकरण तक नहीं कराया गया है.
शिक्षकों की लंबे समय तक ड्यूटी भी परिवर्तित नहीं हो रही है. ड्यूटी में तैनात शिक्षकों को लिए सर्जिकल ग्लब्ज, फेस शील्ड, पीपीई किट आदि सुरक्षा उपकरण तक नहीं दिए गए हैं. ड्यूटी में तैनाती से पूर्व शिक्षकों का टीकाकरण तक नहीं किया जा रहा है. राजकीय शिक्षक संगठन के मण्डल अध्यक्ष ने कहा कि प्रशासन बिना सुविधाओं के साथ शिक्षकों से कोविड ड्यूटी करवा रही है. ऐसे में ड्यूटी पर तैनात सभी शिक्षकों को वैक्सीन लगाया जाए.