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बाबा बागनाथ से लाटू देवता मंदिर पहुंची विश्वनाथ जगदीशिला डोली, 10 हजार 500 किमी का सफर तय करेगी यात्रा - लाटू देवता मंदिर चमोली

24 वर्षों से अनवरत चलती आ रही बाबा विश्वनाथ जगदीशिला डोली यात्रा का प्रदेशभर में दिल खोलकर स्वागत हो रहा है. इस साल यात्रा डोली 12 वर्षों बाद चारों धामों तक भी जाएगी. डोली यात्रा का शुभारंभ 2 मई को धर्मनगरी हरिद्वार से हुआ है. ये यात्रा उत्तराखंड के 13 जिलों में महीनेभर तक चलेगी.

Vishwanath Jagdishila Doli Yatra
Vishwanath Jagdishila Doli Yatra

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Published : May 10, 2023, 8:05 PM IST

बाबा विश्व नाथ जगदीशिला डोली का बागेश्वर में भव्य स्वागत.

बागेश्वर: प्रदेश के 13 जिलों में 29 दिन तक चलने वाली बाबा विश्वनाथ जगदीशिला डोली यात्रा आज देर शाम चमोली के ग्वालदम पहुंची थी, यहां स्थानीय लोगों ने यात्रा का भव्य स्वागत किया. अब थराली विकासखंड के देवाल के वाण लाटू देवता में यात्रा का रात्रि विश्राम होगा. इससे पहले यात्रा मंगलवार देर शाम बागेश्वर के बागनाथ मंदिर पहुंची थी. बाबा बागनाथ से यात्रा भव्य पूजा अर्चना करते हुए निकली और गरुड़ में मां कोट भ्रामरी डोली पहुंची, वहां भव्य पूजा का आयोजन हुआ.

यात्रा के बागेश्वर पहुंचने पर ढोल दमाऊ के साथ यात्रा का स्वागत कर लोगों ने डोली की पूजा अर्चना की और आशीर्वाद लिया. इसके बाद सरयू नदी में स्नान हुआ और फिर बागनाथ मंदिर के दर्शन कर बाबा बागनाथ धाम में डोली का विश्राम किया गया. इस मौके पर महिलाओं ने डोली के आगमन पर भजन-कीर्तन किए.
पढ़ें-हरिद्वार से विश्वनाथ जगदीशिला डोली यात्रा शुरू, हर की पैड़ी पर किया गंगा स्नान

गौर हो कि, बाबा विश्वनाथ मां जगदीशिला यात्रा का आयोजन पिछले 24 वर्षों से किया जा रहा है. यात्रा के संयोजक पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने बताया कि एक महीने के भ्रमण के दौरान यात्रा 10,500 किलोमीटर का सफर तय करेगी. इस बार यात्रा 12 वर्षों बाद चार धामों में भी जाएगी. बीती 2 मई को हरिद्वार से यात्रा का शुभारंभ हुआ था.

यात्रा संयोजक मंत्री प्रसाद नैथानी ने बताया कि यात्रा का उद्देश्य अपनी संस्कृति और परंपरा को जीवित रखने के साथ-साथ विश्व शांति की कामना है. यात्रा के दौरान यात्री अपनी संस्कृति का प्रचार प्रसार करने के साथ-साथ लोगों को बाबा विश्वनाथ जगदीशिला के महत्व के बारे में जानकारी देते हैं. उन्होंने बताया कि यात्रा प्रत्येक जिले में प्रमुख मंदिरों से होकर गुजरेगी और सभी मुख्य देवालयों में यात्रा जाएगी. इस यात्रा का उद्देश्य प्रदेश में तीर्थाटन को बढ़ाना है.

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