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कुदरत के खूबसूरत नजारों से ओत-प्रोत है कौसानी, भारत में 'स्विट्जरलैंड' का करें दीदार - उत्तराखंड में नैसर्गिक सौंदर्य

कौसानी समुद्र तल से लगभग 6075 फीट की ऊंचाई पर बसा एक खूबसूरत पर्वतीय पर्यटक स्थल है. यह पर्वतीय शहर चीड़ के घने पेड़ों के बीच एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है. इस स्थान से सोमेश्वर, गरुड़ आदि सुंदर घाटियों का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है.

कौसानी

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Published : Oct 29, 2019, 11:06 AM IST

Updated : Oct 29, 2019, 1:56 PM IST

द्वाराहाटःउत्तराखंड अपने नैसर्गिक सौंदर्य के लिए देश और दुनिया में मशहूर है. राज्य में अनेक खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी आते हैं. राज्य में एक से बढ़कर खूबसूरत नजारे के कारण फिल्मों की शूटिंग भी बड़े पैमाने पर हो रही है. फिल्मकारों के लिए उत्तराखंड पहली पसंद बनता जा रहा है. इन्ही स्थानों में से एक है कौसानी.

भारत का 'स्विट्जरलैंड' है कौसानी.

बागेश्वर जिले में स्थित यह स्थान हिमालय की सुन्दरता के दर्शन कराता पिंग्नाथ चोटी पर बसा है. साथ ही साथ इस स्थान से बर्फ से ढकी 'नंदा देवी पर्वत' की चोटी का नजारा बड़ा भी अत्यधिक मनमोहक प्रतीत होता है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कौसानी, जोकि कोसी नदी और गोमती नदी के बीच में स्थित है को 'भारत का स्विट्जरलैंड' कहा था.

कौसानी समुद्र तल से लगभग 6075 फीट की ऊंचाई पर बसा एक खूबसूरत पर्वतीय पर्यटक स्थल है. यह पर्वतीय शहर चीड़ के घने पेड़ों के बीच एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है. इस स्थान से सोमेश्वर, गरुड़ आदि सुंदर घाटियों का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है.

इस स्थान में एक चाय का बागान भी है जो कौसानी से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर बैजनाथ की तरफ है. इस क्षेत्र की चाय बहुत ही खुशबूदार और स्वादिष्ट होती है. कौसानी का इतिहास बड़ा ही रोचक है. इसके इतिहास के पीछे भी एक कथा है.

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बागेश्वर स्थित पर्यटन स्थल कौसानी के बारे में यह कहा जाता है कि इस स्थान पर कौशिक मुनि ने कठोर तप किया था इसलिए इस स्थान का नाम कौसानी रखा गया. कौसानी क्षेत्र में दो प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएं हुईं जोकि वर्तमान समय में भी याद की जाती हैं.

सर्वप्रथम प्रसिद्ध भारतीय कवि सुमित्रानंदन पन्त जोकि 1900 में कौसानी में पैदा हुए थे और महात्मा गांधी जोकि अनासक्ति योग पर अपना कार्य पूरा करने के लिए 12 दिनों तक कौसानी में ठहरे थे. तब महात्मा गांधी ने कौसानी को भारत का स्विट्जरलैंड नाम की उपाधि दी थी एवमं उन्होंने 'यंग इंडिया पुस्तक' में कौसानी की अलौकिक सौंदर्य और कुमाऊं की पहाड़ियों के बारे में जानकारी देकर कौसानी को पूरे विश्व में प्रसिद्ध कर दिया.

कौसानी के बारे में एक कम जानने वाली बात यह है कि इसे वलना नाम से भी जाना जाता था जो कि कत्यूरी वंश द्वारा शासित राज्य का एक हिस्सा था जिसमें इसकी राजधानी कर्तिकेयापुरा थी. उस समय अल्मोड़ा जिला कत्यूरी के राजा बैचलदेव के क्षेत्राधिकार में आता था. बाद में राजा ने इसका काफी बड़ा हिस्सा गुजरात के एक ब्राह्मण श्रीचंद तिवारी को दे दिया.

Last Updated : Oct 29, 2019, 1:56 PM IST

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