बागेश्वर:सुंदरढूंगा की 5 हजार 818 मीटर ऊंची माउंट दुर्गाकोट चोटी (mount durgakot peak) को फतह करने वाला कुमाऊं रेजिमेंट के जवानों का दल वापस लौट आया है. वापसी से पहले दल ने बाबा बागनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की अभियान के सफल होने पर भगवान का आशीर्वाद लिया. मंदिर परिसर परिसर में जवानों ने मां काली और भोले बाबा के जयकारे भी लगाए. इस दौरान कई नगर वासियों ने पर्वतारोहियों से मिलकर उन्हें जीत की बधाई दी.
माउंट दुर्गाकोट के विजेता पहुंचे बागनाथ मंदिर, कुमाऊं रेजिमेंट के जवानों ने की पूजा-अर्चना
5,818 मीटर ऊंची माउंट दुर्गाकोट चोटी को फतह कर कुमाऊं रेजिमेंट के जवानों का दल वापस लौट आया है. वापसी से पहले पर्वतारोहियों ने बाबा बागनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की. अभियान के सफल होने पर भगवान का आशीर्वाद लिया.
सेना के पर्वतारोहियों का दल कपकोट होते हुए बागेश्वर पहुंचा. बागेश्वर आते ही जवानों ने सीधा बागनाथ मंदिर का रुख किया. अभियान की सफलता से उत्साहित जवानों ने मंदिर में जाकर भगवान शिव की पूजा अर्चना की. दल का नेतृत्व कर रहे मेजर अशोक कपूर ने बताया कि माउंट दुर्गाकोट को जाने से पूर्व ही जवानों ने संकल्प किया था कि जीत मिलने के बाद बाबा के दर पर शीश नवाने जरूर आएंगे. जिस समय सेना का दल बागेश्वर पहुंचा हल्की बारिश भी हो रही थी.
पढ़ें- कुमाऊं और नागा रेजिमेंट के जवानों ने की दुर्गाकोट चोटी फतह, एक रात में किया 30 किमी का सफर
दुर्गाकोट फतह करने वाले जवानों की मंदिर में आने की सूचना मिलने पर कुछ युवा उनसे मिलने भी पहुंचे. करीब आधे घंटे तक दल के सदस्यों में मंदिर में पूजा-अर्चना की इसके बाद सैनिकों का दल रानीखेत को रवाना हो गया. बता दें, कुमाऊं रेजीमेंट और नागा रेजिमेंट के पर्वतारोही दल के 30 सदस्यों ने सुंदरढूंगा घाटी में 5,818 मीटर ऊंची दुर्गाकोट चोटी को फतह किया है. सेना की टुकड़ी ने पहली बार इस चोटी पर तिरंगा फहराया है.