बागेश्वर:प्रदेश के साथ ही जनपद में भी स्वच्छ भारत व नमामि गंगे क लेकर चर्चा हो रही है. इसके लिए जनपद को स्वच्छता में पुरस्कार भी मिल चुका है. लेकिन सरयू व गोमती नदी लगातार प्रदूषित हो रही हैं. बाबा बागनाथ की नगरी बागेश्वर का महत्व सरयू-गोमती के संगम से भी है.
सरयू के जल से जहां कई स्थानों में पेयजल लाइनें बनी हुई हैं, वहीं धार्मिक कार्यों में भी इस जल का प्रयोग होता है. गोमती नदी में कोतवाली के पास से अगर नदी को देखा जाए तो कई परिवारों का गंदा पानी इस नदी में प्रवाहित होता है. वहीं सरयू नदी में भी कठायतबाड़ा से ही देखा जाए तो कई घरों, होटलों का पानी इसमें छोड़ा गया है. इसके अलावा सरयू झूला पुल के समीप एक छोर में बने शौचालय का रिसाव सरयू नदी में होता है. इसके चंद दूरी पर ही बाबा बागनाथ का मंदिर है. जहां से लोग घरों को सरयू का जल ले जाते हैं और मंदिर में जल चढ़ाते हैं. लेकिन स्वच्छ भारत व नमामि गंगे अभियान चलाने वाले लोगों व समाजसेवा का दम भरने वाले राजनैतिक दलों को यह सब नहीं दिखता है और न ही वे इसके खिलाफ कोई कार्रवाई कर रहे हैं. जिससे नदी प्रदूषित होती जा रही है.