देहरादून/बागेश्वर: पीएम मोदी ने 'मन की बात' के 82वें संस्करण के तहत राष्ट्र को संबोधित किया. इस दौरान पीएम ने 100 करोड़ वैक्सीनेशन लक्ष्य प्राप्त करने पर हेल्थ वर्करों से बातचीत करते हुए उनका हौसला बढ़ाया है. इस दौरान पीएम मोदी से बागेश्वर की पूनम नौटियाल ने अनुभव साझा किए.
मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि 'साथियों, ये बागेश्वर उत्तराखंड की उस धरती से है. जिसने शत-प्रतिशत पहला डोज लगाने का काम पूरा कर दिया है. उत्तराखंड सरकार भी इसके लिए अभिनंदन का अधिकारी है. क्योंकि, बहुत दुर्गम और कठिन क्षेत्र है. पीएम मोदी आगे कहा कि मेरा सौभाग्य है मुझे बागेश्वर आने का अवसर मिला था. क्योंकि बागेश्वर एक प्रकार से तीर्थ क्षेत्र रहा है. वहां पुरातन मंदिर वगैरह भी हैं और मैं बहुत प्रभावित हुआ था सदियों पहले कैसे लोगों ने काम किया होगा.
वहीं, पीएम मोदी ने पूनम से बात करते हुए उनसे उनके क्षेत्र में कोविड वैक्सीनेशन की जानकारी भी ली. पूनम ने वैक्सीनेशन के दौरान आई दिक्कतों के बारे में पीएम मोदी को बताया कि यहां बारिश के कारण अक्सर रोड ब्लॉक हो जाती थी. ऐसे में हमने कई खतरे भी उठाए और नदियों और घाटियों को पार करते हुए घर-घर जाकर उन लोगों का वैक्सीनेशन किया, जो सेंटर में आने में असमर्थ थे. जैसे बुजुर्ग, दिव्यांग, गर्भवती महिलाएं.
पूनम ने आगे बताया कि एक दिन में उन्हें 8 से 10 किलोमीटर तक पैदल सफर तय करना पड़ता था. वहीं, पीएम ने पूनम की बात काटते हुए कहा कि तराई में रहने वाले लोगों को समझ में नहीं आएगा, क्योंकि पहाड़ों में 8 से 10 किलोमीटर का सफर तय करने में पूरा दिन निकल जाता है. पीएम ने पूनम की तारीफ करते हुए कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में वैक्सीनेशन का काम काफी मेहनत का था क्योंकि वैक्सीनेशन का सारा सामान इन्हें खुद ही उठाकर ले जाना होता था. उन्हें कहा कि चार से पांच लोगों की टीम ने बहुत अच्छा कार्य किया है.