बागेश्वर:उत्तराखंड में पिछले कई दिनों से पेट्रोल डीजल की किल्लत होने लगी है. राजधानी देहरादून और हरिद्वार के बाद अब बागेश्वर जनपद के पेट्रोल पंपों पर ईंधन खत्म हो गया है, जिस वजह से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. पेट्रोल पंपों संचालकों का कहना है कि उनको ईंधन कंपनियों से तेल कम मिलने की वजह से यह परेशानी बढ़ गई है.
बागेश्वर शहर में 11 पेट्रोल पंप हैं, जिनमें से 10 पंपों पर तेल नहीं है. जिला मुख्यालय में मेन बाजार के पेट्रोल पंप को छोड़कर अन्य पेट्रोल पंप में तेल की किल्लत शुरू हो गई है. अब बाजार के पंप पर भी पेट्रोल का संकट बढ़ने लगा है. मुख्य बाजार के पंप पर सबसे अधिक भीड़ रहती है. पेट्रोल समाप्त होने के कारण वाहन चालकों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. कई पंपों में 1000 लीटर से कम पेट्रोल बचा है, तो कहीं-कहीं बिल्कुल खत्म हो चुका है.
बागेश्वर जनपद में पेट्रोल-डीजल संकट गहराया. पढ़ें- Petrol Diesel Crisis: उत्तराखंड में गहराया पेट्रोल डीजल संकट, अधिकांश पंपों पर तेल खत्म दोपहिया वाहन चालक पेट्रोल के लिए पूरे दिन इस पंप से उस पंप के चक्कर काटते देखे जा रहे हैं. सबसे अधिक परेशानी टैक्सी संचालकों को हो रही है. उनका कहना है कि ईंधन नहीं मिलने से उनके वाहनों के पहिए जाम हो गए हैं, पेट्रोल डीजल की किल्लत की वजह से वह यात्रियों को उनके गंतव्य तक भी नहीं छोड़ पा रहे हैं. रेगुलर ईंधन नहीं मिलेगा तो उनकी गाड़ियों के किस्त देने में भी दिक्कत हो जाएगी.
वहीं, पंप संचालक नवीन परिहार ने बताया कि उनके द्वारा लगातार तेल लगाने के लिए गाड़ियां भेजी जा रही हैं लेकिन तेल कंपनियों की ओर से तेल कम दिया जा रहा है या दिया ही नहीं जा रहा है. जिस वजह से यहां दिक्कत बढ़ गई है. उन्होंने बताया कि कंपनियों का कहना है कि सरकार ने तेल के जो रेट तय किए हैं, वो कम है. इसलिए उनको तेल बेचने में घाटा हो रहा है. ऐसे में कंपनियां चाहती हैं कि सरकार तेल के दाम बढ़ाए. उन्होंने कहा कि सरकार को भी इस बारे में सोचना चाहिए और इस दिक्कत को खत्म करना चाहिए.
इस मामले में बागेश्वर एसडीएम/ पूर्ति अधिकारी हरगिरी ने बताया कि दिक्कत जैसी कोई बात नहीं है. थोड़ी बहुत परेशानी यहां हो रही है. पेट्रोल ऊपर से ही कम आ रहा है, जिस वजह से यहां भी लोगों को नहीं मिल पा रहा है. जल्द ही कमी दूर होते ही दिक्कतें भी खत्म हो जाएंगी.