बागेश्वर:रवाईखाल से बिलेख गांव (Bageshwar Bilekh village problem) तक आठ किमी की दूरी ग्रामीणों को पैदल तय करनी पड़ रही है. विडंबना यह है कि गांव तक पहुंचने के लिए लोगों को एक ही गदेरे को 15 से 20 बार पार करना पड़ता है. बारिश के दिनों में जब गदेरा उफान पर रहता है, तो ग्रामीण सभी 20 स्थानों पर लकड़ी के लट्ठे डालकर अस्थाई पुल बनाते हैं. स्कूली बच्चे भी इन्हीं पुलों की मदद से गदेरा पार करते हैं. अन्य स्थानों पर पुल नहीं बन पाने से लोगों को जान जोखिम में डालकर गदेरा पार करना पड़ता है.
पलायन कर चुके हैं कुछ परेशान लोग:बिलेख गांव थकलाड़ ग्राम पंचायत (Bageshwar Bilekh Village Thaklad) का तोक है. गांव में अनुसूचित जाति के करीब 35 परिवार रहते हैं. गांव के लिए साल 2016 में मोटर मार्ग स्वीकृत हो गया था. जिसके बाद कई बार सर्वे भी कराया जा चुका है. लेकिन सड़क का निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हो सका है. ग्राम प्रधान शीला चन्याल ने बताया कि गांव में पहले आठ सामान्य वर्ग के परिवार भी रहते थे. सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य की सुविधा नहीं होने से वो पलायन कर गए. उन्होंने बताया कि गांव में प्राथमिक विद्यालय है, लेकिन आगे की शिक्षा के लिए छात्र-छात्राओं को रवाईखाल जाना पड़ता है. बारिश के दिनों में दिक्कत काफी बढ़ जाती है.