बागेश्वर: दूसरे प्रदेशों से वापस लौटे प्रवासियों की हालत खस्ता है. सैकड़ों किलोमीटर लंबा सफर तय करने के बाद वापस लौटे प्रवासियों को क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है. लेकिन अव्यवस्थाओं से परेशान प्रवासियों ने जमकर हंगामा किया. रविवार को महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा सहित अन्य प्रदेशों से 705 प्रवासी बिलौना पहुंचे. जिला प्रशासन ने 230 प्रवासियों को कपकोट के डिग्री कॉलेज, कंट्रीवाइड पब्लिक स्कूल और विवेकानंद इंटर कॉलेज के क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया.
क्वारंटीन सेंटर में प्रवासियों को नहीं मिल रही बेहतर सुविधा. पेंट की बाल्टी में मिला चाय
प्रवासियों का कहना है कि क्वारंटाइन सेंटर में बदतर सुविधाएं मिल रही हैं. सुबह क्वारंटाइन सेंटर में पेंट के गंदे बाल्टी में लोगों को चाय बांटी गई और खराब नमकीन बांटी गई थी. इसके साथ ही प्रशासन ने शाम तक खाने के नाम पर सिर्फ एक पैकेट बिस्किट बांटे थे. जिस टंकी से पानी की सप्लाई हो रही है. वह टंकी पूरी तरह से गंदी है, टंकी में स्टोर दूषित पानी पीने को हम मजबूर हैं.
इस तरह का खाना प्रवासियों को दिया जा रहा. बिलौना में भी महाराष्ट्र से आए प्रवासियों को शनिवार की रात को कच्चा खाना परोसा गया. प्रवासियों का आरोप है कि हमने कई बार अधिकारियों को समस्याओं से अवगत कराने का प्रयास किया, लेकिन अधिकारी कुछ सुनने को तैयार नहीं हुए. अगर अधिकारी हमारी जिम्मेदारी उठाने से घबरा रहे हैं तो हमें खाद्य सामग्री उपलब्ध करा दें. हम क्वारंटाइन सेंटर पर खुद ही खाना बनाकर खा लेंगे. वहीं इस दौरान प्रशासन की अव्यवस्थाओं से नाराज कुछ लोग नदी किनारे और बाजारों में टहलते दिखे.
ऐसा पानी पी रहे प्रवासी लोग. भोजन के नाम पर सिर्फ बिस्किट
कपकोट के क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासियों का कहना है कि अगर प्रशासन भोजन नहीं देता है तो हम बिना कोरोना ही मर जाएंगे. कपकोट के क्वारंटाइन सेंटर प्रवासियों को खाने के नाम पर सिर्फ एक पैकेट बिस्किट बांटा गया. सोमवार देर रात तक भोजन नहीं मिलने पर क्वारंटाइन प्रवासियों का धैर्य जवाब दे गया. उन्होंने अव्यवस्थाओं का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करना शुरू किया. जिसके बाद प्रशासन की नींद खुली तो उन्होंने क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों के लिए भोजन का प्रबंध किया.
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दोषियों पर हो कार्रवाई
वहीं, कपकोट के पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने जिला प्रशासन की तैयारियों और व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए हैं. पूर्व विधायक का कहना है कि प्रशासन ने जिस तरह का खाना प्रवासियों को दिया, वह निम्न स्तर का है. इस तरह का व्यवहार कर जिला प्रशासन ने प्रवासियों के आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाया है. ऐसे में भोजन का प्रबंध करने वाले ठेकेदार के खिलाफ प्रशासन कड़ी कार्रवाई करे.
डीएम ने दी कार्रवाई की चेतावनी
सोशल मीडिया पर प्रवासियों की अव्यवस्थाओं पर डीएम रंजना राजगुरु ने सख्त रुख अपनाया है. उन्होंने एडीएम राहुल कुमार गोयल को क्वारंटाइन सेंटरों के निरीक्षण करने का आदेश दिया है. साथ ही भविष्य में इस तरह की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है. डीएम ने कहा कि प्रवासियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी.