बागेश्वरःकपकोट ब्लॉक के दूरस्थ गांव मिखिला-खलपट्टा को जोड़ने वाला पुल टूट गया है. यह पैदल पुल सरयू नदी पर बना है. पुल के टूटने के बाद ग्रामीणों का काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं ग्रामीण अब आवाजाही भी नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, ग्रामीण सड़क निर्माण का कार्य करा रहे ठेकेदार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं.
बता दें कि आजादी के 75 साल बाद भी कपकोट ब्लॉक का मिखिला-खलपट्टा क्षेत्र सड़क सुविधा सुविधा से वंचित है. अब सरयू नदी पर बना एकमात्र पैदल पुल एक ओर से झुक कर गिर गया है. जिससे ग्रामीणों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. ग्रामीण आवाजाही नहीं कर पा रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि कार्यदायी संस्था PMGSY के अधीन सूपी से झूनी तक सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है, लेकिन ठेकेदार सड़क कटिंग का मलबा डंपिंग जोन में डालने की बजाय पहाड़ी से नीचे सरयू नदी की ओर फेंक रहा है.
सरयू नदी पर बना पैदल पुल टूटा. ये भी पढ़ेंःExclusive: रानीपोखरी पुल के नीचे चल रहा था 'खेल', तस्वीरों में देखें पुल टूटने का सच
उनका कहना है कि मलबा सरयू नदी की ओर फेंकने से पर्यावरण को तो नुकसान हो ही रहा है, वहीं नदी भी प्रदूषित हो रही है. साथ ही मलबा नदी को बाधित भी कर रहा है. जिसका एक नतीजा मिखिला-खलपट्टा को जोड़ने वाला एकमात्र पुल है. जो टूट कर एक तरफ झुक गया है. जिससे ग्रामीणों का आवागमन बाधित हो गया है. सड़क कटिंग के कारण लगातार पत्थर भी गिर रहे हैं. भद्रतुंगा में स्थित प्रसिद्ध मंदिर को भी नुकसान पहुंचा है.
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वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि 2 महीने से गांव में सरकारी राशन नहीं आया है. गांव में कोई बीमार हो जाए या प्रसव पीड़ित हो जाए तो उसे सड़क तक लाना मुश्किल हो गया है. बच्चे भी अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर हैं. उनका कहना है कि अब वो बच्चों को स्कूल भेजने से डरने लगे हैं. सभी उच्चाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों तक अपनी परेशानी बता चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकाल रहे हैं.