बागेश्वर: सरयू और गोमती नदी के संगम पर बसे बागेश्वर जिले का अपना धार्मिक है. यहां पूरे साल पवित्र संगम पर स्नान करने के लिए श्रद्वालुओं का यहां आना-जाना लगा रहता है. नगर में सीवर लाइन न होने से प्राय: सभी शौचालयों की गंदगी नदी में गिरती है, जिससे बीमारी तो बढ़ ही रही है साथ ही नदियां का जल भी प्रदूषित होता रहता है. नदियों को प्रदूषित होने से बचाने के लिए अब नगर पालिका ने जैविक शौचालय बनाने की मुहिम शुरू कर दी है. पालिका की इस मुहिम का जनता ने भी स्वागत किया है.
बता दें कि ज्वालादेवी वार्ड के कलेक्ट्रेट तिराहे के पास तीन जैविक शौचालय बनकर तैयार हो गए हैं. इसके अलावा पिडारी रोड पर चार सीटर शौचालय तैयार किया जा रहा है. इसके अलावा विभिन्न वार्डों में चार सीटर, आठ जैविक शौचालय बनाने की योजना है. नगर पालिका का यह प्रयोग सफल हो जाता है तो धीरे-धीरे सभी सार्वजनिक शौचालयों को जैविक में बदल दिया जाएगा. नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी का कहना है कि एक जैविक शौचालय बनाने में लगभग 80 हजार रुपये का खर्चा आता है. उन्होंने कहा कि जैविक शौचालय सीधे पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाते हैं. अब यह पूरे नगर पालिका क्षेत्र में बनाए जाएंगे.