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Published : Dec 19, 2019, 4:59 PM IST

Updated : Feb 5, 2020, 7:45 PM IST

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बर्फबारी के सात दिन बाद भी हालत जस के तस, ग्रामीणों की मुसीबतें बढ़ी

बागेश्वर के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. ग्रामीण जान जोखिम में डाल कर कई किलोमीटर बर्फ में पैदल चलने को मजबूर हैं.

बागेश्वर में बर्फबारी समाचार , snowfall in bageswar news
ग्रामीणों के लिए बर्फबारी बनी मुसीबत .

बागेश्वर: जिले में विगत दिनों हुई भारी बर्फबारी से जहां एक तरफ किसानों एवं पर्यटकों के चेहरे खिले हुए हैं. वहीं, दूसरी तरफ उच्च हिमालयी क्षेत्र से सटे गांवों में बर्फबारी हुए एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी जनजीवन अस्त- व्यस्त है. सड़कों पर जमी बर्फ के चलते ग्रामीण क्षेत्रों का जिला मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है.

ग्रामीणों के लिए बर्फबारी बनी मुसीबत.

बर्फबारी के चलते पशुपालकों के सामने भी चारे का संकट भी गहराने लगा है. कपकोट क्षेत्र के बदियाकोट, वाछम, सोराग, खाती, किलपारा और गोगिना समेत कई गांव बर्फ की सफेद चादर से ढके हुए हैं. बर्फबारी को रुके एक सप्ताह होने को है. लेकिन, ग्रामीणों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही है. सड़कों पर जमी बर्फ के चलते ग्रामीण क्षेत्रों का सम्पर्क तहसील व जिला मुख्यालय से पूरी तरह कटा हुआ है. जगह-जगह बर्फ में वाहन फंसे हुए हैं.

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ग्रामीण जान जोखिम में डालकर कई किलोमीटर बर्फ में पैदल चलकर जिला मुख्यालय तक पहुंचने को मजबूर हैं. वहीं, बुग्यालों में जमी बर्फ के चलते पशुपालकों के सामने हरी घास व चारा पत्ती का संकट मंडराने लगा है. हालांकि, प्रशासन ने सड़कों पर जमी बर्फ हटाने के लिए जेसीबी मशीनें लगवाई हैं. बावजूद इसके ग्रामीण मोटरमार्ग अभी तक अवरुद्ध है. ग्रामीणों को इंतजार है, सड़कों के खुलने और बर्फ के पिघलने का. तब कहीं जाकर जन-जीवन दोबारा पटरी पर आने की उम्मीद है.

Last Updated : Feb 5, 2020, 7:45 PM IST

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