कपकोट खरबगड़ में दरक रहे घर बागेश्वर: उत्तराखंड के कई जिले भू धंसाव (Uttarakhand landslide) की चपेट में हैं. पहाड़ के हर दूसरे गांव के ग्रामीण भूस्खलन और भू धंसाव की समस्या से परेशान हैं. बार-बार गुहार लगाने के बाद भी उनकी बात शासन-प्रशासन तक नहीं पहुंच रही है. लेकिन अब जोशीमठ प्रकरण के बाद इन गांवों के लोग एक बार फिर मुखर हुए हैं और अनहोनी के पहले ही आगाह कर रहे हैं कि तबाही से पहले हमें बचा लो. क्योंकि लोगों के घर रहने लायक नहीं रह गए हैं.
कपकोट तहसील (Bageshwar Kapkot Tehsil) के खारबगड़ गांव (Bageshwar Kapkot Tehsil) के लोग 2013 से प्रकृति और मानवजनित आपदा की वजह से बने हालात के शिकार हैं. एक ओर दरकती पहाड़ी है, तो दूसरी ओर पनबिजली परियोजना की सुरंग के पास धंसता पहाड़ और रिसता पानी गांव के लिए खतरा बना हुआ है. बड़ेत ग्राम पंचायत का खारबगड़ गांव दो तोक पल्ला खार और वल्ला खार से मिलकर बना है. करीब 40 परिवारों वाले इस गांव में वर्ष 2013 में आई आपदा में पल्ला खार के पास की पहाड़ी दरक गई थी. अब हर साल बारिश के दौरान ये पहाड़ी खतरा बनी रहती है. वल्ला खार के ऊपर की पहाड़ी में धंसाव के साथ पानी का रिसाव हो रहा है. मानसून के दौरान तो ग्रामीण जान की सलामती के लिए गांव तक छोड़ देते हैं.
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वहीं पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष (Former District Panchayat President) व वर्तमान सदस्य ने बताया कि वर्ष 2013 में पनबिजली परियोजना की शुरुआत हुई. उसी साल से क्षेत्र खतरे की जद में आ गया. पहाड़ी को काटकर टनल बनाए जाने के बाद खतरा बढ़ गया है. परियोजना की जद में आने वाले गांवों की करीब तीन हजार की आबादी खतरे की जद में है. उन्होंने बताया की वर्ष 2013 की आपदा की मार झेलने के बाद से ग्रामीण शासन-प्रशासन की मदद का इंतजार कर रहे हैं. अगर बड़ेत, खारबगड़, खाईबगड़, तिमिला बगड़, कन्यूटी क्षेत्र की जल्द सुध नहीं ली गई तो हालात बिगड़ने से कोई नहीं रोक सकता.
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वहीं सवाल संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश पांडेय ने बताया कि लोगों की पीड़ा दिन में तो जैसे-तैसे कट जाती है, लेकिन रात दहशत में गुजरती है. हल्की सी आवाज होने पर भी लोगों की नींद खुल जाती है. मानसून की शुरुआत से ही लोग अपने घरों को छोड़कर किराए के मकान या दूसरे ग्रामीणों के वहां शिफ्ट हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि अनियोजित विकास की वजह से ये सब हो रहा है. इसके लिए अभी नहीं सोचा गया तो भविष्य में काफी बड़ी आपदा के रूप में सामने आएगी. वहीं जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने बताया कि खारबगड़ गांव के एक परिवार का नाम विस्थापन सूची में शामिल है. गांव का जल्द निरीक्षण कर वहां के हालात का जायजा लिया जाएगा.