बागेश्वर: घिंघारुतोला के मुस्योली गांव में खड़िया का अत्यधिक खनन किए जाने से गांव की जमीन में दरारें पड़ने लगी हैं. कई आवासीय घर और उपजाऊ खेत दरारें पड़ने से खतरे की जद में आ गए हैं. बारिश के बाद से ये दरारें लगातार चौड़ी होती जा रही हैं, जिसके कारण ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. खौफजदा ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर गांव में हो रहे खड़िया खनन पर रोक लगाने और मुआवजा दिलाने की मांग की है.
मुस्योली गांव में वर्तमान में 80 परिवार निवास करते हैं. यहां के अधिकांश लोग अपना जीवनयापन खेतीबाड़ी करते हैं. गांव की अधिकांश जमीन में खड़िया है. इसकी जानकारी पर खनन कारोबारियों ने गांव पहुंच कर करीब 5 खड़िया की खानों का संचालन करने लगे हैं. खड़िया खनन यहां के ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन गई है. खड़िया खनन से गांव की जमीन में दरारें पड़ने लगी हैं. कई खेतों और मकानों की जमीनों में दरारें पड़ने से खतरे की जद में आ गए हैं.
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गांव के नायब सूबेदार संदीप सिंह ने बताया कि ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से कई बार ज्ञापन दिया और गांव में खड़िया के खनन से हो रहे नुकसान का संज्ञान लेने की मांग की. लोगों की मांग के बाद खान अधिकारी ने मौके पर पहुंच कर स्थलीय निरीक्षण भी किया. फिलहाल इस समय मॉनसून सत्र शुरू हो चुका है और ऐसे में खदानों में खनन का काम पूरी तरह से रूका हुआ है, लेकिन बारिश के चलते जमीनों में पड़ी दरारें लगातार चौड़ी होती जा रही हैं, जिसके कारण गांव के मकानों पर खतरा मंडराने लगा है.
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ग्राम प्रधान भगवान सिंह खाती ने बताया कि गांव में 5 खड़िया की खानों का संचालन हो रहा है, जिनमें से 2 खदानों से खतरा पैदा हो गया है. खनन से गांव के कई मकान खतरे की जद में आ गए हैं. लीज की 10 नाली और लीज के बाहर की करीब 7 नाली जमीन बर्बाद हो गई है. वहीं, SDM योगेंद्र सिंह ने तहसील प्रशासन की टीम के साथ गांव का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मामले की रिपोर्ट तैयार कर जल्द जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी. रिपोर्ट में खामी पाए जाने पर खनन बंद कराने की कार्रवाई की जा सकती है.