बागेश्वर:रंगथरा-मजगांव-चौनाला मोटर मार्ग निर्माण में आ रहे पेड़ों को बचाने के लिए सेरी के बाद अब जाखनी की महिलाएं भी आगे आई हैं. महिलाओं ने चिपको की तर्ज पर आंदोलन शुरू कर दिया है. यहां की महिलाएं बांज और बुरांश के पेड़ों से लिपट गई हैं. महिलाओं ने एक स्वर में कहा कि देवी को चढ़ाए गए जंगल की बलि सड़क निर्माण में नहीं दी जाएगी.
सरपंच कमला मेहता के नेतृत्व में महिलाएं जाखनी गांव में एकत्रित हुईं. यहां हुई सभा में गांव के जंगल को बचाने का संकल्प लिया गया. इसके बाद गांव की हर महिला एक-एक पेड़ को पकड़ कर उससे लिपट गईं. उन्होंने अपने बेटे-बेटियों की तरह इनकी सुरक्षा का संकल्प लिया. महिलाओं का कहना है कि चौनाला गांव पहले से ही सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है. अब रंगथरा सड़क को दोबारा गांव तक पहुंचाया जा रहा है. इस सड़क के निर्माण में उनके सालों से पाले पेड़ों की बलि चढ़ाई जा रही है. इस विनाशकारी विकास का हर हाल में विरोध होगा. उन्होंने कहा कि चौनाला गांव पहले ही स्यांकोट कमेड़ीदेवी मोटर मार्ग से जुड़ा है.
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महिलाओं ने आरोप लगाया कि वन विभाग ने सर्वे गलत किया है. उनके सर्वे में सड़क निर्माण में कुछ ही पेड़ आ रहे हैं. जबकि उनका हरा-भरा जंगल निर्माण में आ रहा है. पेड़ कटते ही उनके गांव में पानी का भी संकट गहरा जाएगा. मजगांव के लिए सड़क कट चुकी है. अब यहां से आगे निर्माण को सहन नहीं किया जाएगा. जंगल भगवती को चढ़ाया गया है. इस जंगल से वह खुद चारापत्ती आदि नहीं काटते हैं. ऐसे में जंगल में निर्माण कार्य नहीं होने देंगे.
300 पेड़ आ रहे सड़क की जद में