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हरीश ऐठानी ने धामी सरकार पर साधा निशाना, मांगा इस्तीफा - हरीश ऐठानी ने आपदा में लापरवाही बरतने का लगाया आरोप

कांग्रेस के जिला मीडिया कोऑर्डिनेटर और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने सरकार पर आपदा में रेस्क्यू और बचाव कार्य के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप मढ़ा है. उनका कहना है कि आपदा के समय में भी अधिकारी और प्रतिनिधि महज फोटोग्राफी कर रहे हैं.

harish aithani
हरीश ऐठानी

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Published : Oct 23, 2021, 5:24 PM IST

बागेश्वरः कांग्रेस के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने शासन-प्रशासन पर आपदा के दौरान लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने सरकार को विफल करार दिया है. साथ ही उन्होंने नैतिकता के आधार पर सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से इस्तीफा देने की मांग की. उन्होंने कहा कि आपदा पिंडारी, जातोली व सुंदरढूंगा ग्लेशियर में आई है. लेकिन प्रशासन कपकोट हेलीपैड पर बेस कैंप बनाकर अपनी इतिश्री कर रहे हैं.

हरीश ऐठानी ने कहा कि सुंदरढूंगा ग्लेशियर में 5 बंगाली पर्यटकों को आपदा के निपटने के बाद भी नहीं निकाला जा सका. जब विदेश मंत्रालय से फोन आने पर प्रशासन हरकत पर आया. उन्होंने कहा कि बर्फीले तूफान से बचकर निकले गाइड खिलाफ सिंह की सूचना पर वाछम गांव के आनंद सिंह व ग्राम प्रधान चंदन सिंह के नेतृत्व में ग्रामीणों का एक दल खाती से 9 किमी दूर जातोली पहुंच चुके थे, लेकिन क्षेत्रीय विधायक की ओर से ग्रामीणों को हेलीकॉप्टर भेजने की बात कहकर वापस बुला लिया गया. 3 दिन बाद भी क्षेत्र में हेलीकॉप्टर घटनास्थल पर नहीं पहुंच पाया. उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक 3 दिन से खाती में कैंप लगाकर ग्रामीणों को राहत देने का काम कर रहे हैं. जो आज जातोली पहुंचे हैं.

हरीश ऐठानी ने धामी सरकार पर साधा निशाना

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आपदा के समय में भी पिकनिक मना रहे अधिकारीः उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने प्रशासन को पिंडारी क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के अनुरूप सुबह 6 से 11 बजे तक रेस्क्यू कराने की जानकारी दी, लेकिन उनकी बातों पर अमल नहीं किया गया. जिस कारण रेस्क्यू नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रशासन की लापरवाही ही रही कि 6 दिन बीतने के बाद भी प्रशासन की ओर से जनप्रतिनिधियों से सामजंस्य नहीं बनाया जा सका है. न ही उनके सुझावों पर अमल किया गया. जिस कारण पीड़ित परिवारों को कोई राहत मिल पा रही है. उन्होंने कहा कि प्रशासन के अधिकारी आपदा के समय भी पिकनिक मना रही है. कितने लोग कहां फंसे हैं, कितने रेस्क्यू किए गए? कोई रिकॉर्ड आज तक उपलब्ध नहीं है.

प्रतिनिधि कर रहे महज फोटोग्राफी, सैटेलाइट फोन पड़े खराबःऐठानी ने कहा कि क्षेत्र में लगे सैटेलाइट खराब पड़े हैं. जबकि, प्रशासन को जानकारी होने के बाद आपदा काल में सैटेलाइट फोन ठीक कराने की जहमत नहीं उठाई. जो एक गंभीर लापरवाही है. वहीं, उन्होंने जिला प्रशासन पर भी निशाना साधते हुए कहा कि प्रशासन महज खानापूर्ति कर आपदा में पिकनिक मनाने का काम कर रहा है.

जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण जिला प्रशासन का बेस कैंप कपकोट केदारेश्वर मैदान बनाए जाने मात्र से लगाया जा सकता है. सरकार वर्तमान प्रतिनिधि महज फोटोग्राफी कर आपदा से इतिश्री करने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि ग्रामीण अब खुद अपने युवक को ढूंढ़ने निकल चुके हैं.

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गिरीश की मौत की मजिस्ट्रियल जांचकी मांगःपूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने भनार निवासी गिरीश कोरंगा की आपदाकाल में हुई मौत की मजिस्ट्रियल जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि 18 अक्टूबर को अत्यधिक बारिश के दौरान कोरंगा शामा बाजार से सामान लेकर घर जाते वक्त पहाड़ी से पत्थर गिरने से दर्दनाक मौत हो गई थी, लेकिन प्रशासन गिरीश की मौत को आपदा से मौत नहीं मान रहा है. ऐसे में पूरे मामले की मजिस्ट्रियल जांच की जाए.

प्रेस वार्ता की खबर से फूले प्रशासन के हाथ-पांवःहरीश ऐठानी की प्रेस वार्ता की खबर मात्र से ही जिला प्रशासन के हाथ-पांव फुल गए. इस बात पर मोहर तब लगी जब व्हाट्सएप्प ग्रुपों में यह खबर चलने लगी तो सूचना अधिकारी के ग्रुप एडमिनों को फोन कर इस आरोप पर सत्यता की जानकारी मांगी जाने लगी. साथ ही पत्रकारों से प्रशासन का वर्जन लेने की बात कही जाने लगी. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आपदा के प्रति हमारा जिला प्रशासन कितना सजग है और प्रशासन की पोल खोलती वार्ताओं पर किस तरह की प्रतिक्रिया सामने आने लगी.

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