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कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने आपदा पर नहीं बल्कि BJP के बूथ प्रबंधन पर की बैठक- हरीश ऐठानी - पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी

बागेश्वर के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने मंत्री सौरभ बहुगुणा पर गंभीर आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि बीते दिनों बागेश्वर में मंत्री सौरभ बहुगुणा ने आपदा को लेकर जो बैठक की थी, उसमें पीड़ितों और जनप्रतिनिधियों को बुलाया तक नहीं गया. ये बैठक आपदा प्रबंधन पर नहीं बल्कि BJP के बूथ प्रबंधन पर हुई थी.

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Published : Jul 25, 2023, 3:28 PM IST

बागेश्वर:जिले के प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बीते दिनों ही बागेश्वर का दौरा किया था. यहां भारी बारिश से हुए नुकसान का जायजा भी लिया गया था, लेकिन बागेश्वर के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने मंत्री सौरभ बहुगुणा के बागेश्वर दौरे पर सवाल खड़े किए हैं. उनका आरोप है कि आपदा की बैठक में आपदा प्रबंधन पर नहीं, बल्कि बीजेपी के बूथों का प्रबंधन किया जा रहा था. उनका कहना है कि सरकार आपदा के लिए संजीदा नहीं है.

हरीश ऐठानी का आरोप है कि प्रभारी मंत्री ने आपदा को लेकर जो बैठक ली, उसमें केवल बीजेपी के नेता मौजूद थे. इस बैठक में न तो चुने हुए वर्तमान जन प्रतिनिधियों और न ही पूर्व प्रतिनिधियों को बुलाया गया था. आपदा से जुड़ी महत्वपूर्ण बैठक में जन प्रतिनिधियों की अनदेखी की जा रही है.

उन्होंने कहा कि आपदा का दंश झेलने वाले लोगों के लिए कोई भी काम नहीं किया जा रहा है. खुद विधायक कपकोट भी मानते हैं कि अधिकारी आज काम नहीं कर रहे हैं. अधिकारी आपदा के लिए संवेदनशील नहीं हैं. उनका आरोप है कि मंत्री सौरभ बहुगुणा ने आपदाग्रस्त क्षेत्रों का रुख तक नहीं किया, उन्होंने बैठक से ही प्रभावितों को मरहम लगाया है.
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हरीश ऐठानी ने आरोप लगाया कि आपदा बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं को बुलाया तक नहीं गया है, जबकि बीजेपी के पन्ना प्रमुख तक बैठक में मौजूद थे. ये बैठक और कुछ नहीं, बल्कि आगामी बागेश्वर उप चुनाव के लिए बूथ प्रबंधन पर थी. हरीश ऐठानी का कहना है कि कपकोट के विधायक सुरेश गढ़िया खुद मान रहे हैं कि अधिकारी नहीं सुन रहे हैं.

ऐठानी ने कहा कि सकन्यूड़ा गांव में चार मकान ध्वस्त हुए. दो प्रभावितों को राहत राशि मिली, लेकिन दो पीड़ित परिवारों को कुछ नहीं दिया गया. भारी बारिश के बाद सड़कों पर मलबा पड़ा हुआ है. ऐसे में लोग जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं. बदियाकोट, उंगिया, ओलियागांव, सिमकुना, कर्मी और रिखाड़ी गांव आपदा से जूझ रहे हैं. समय रहते ठोस उपाय नहीं हुए तो बड़ी घटना की आशंका है.
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उन्होंने बताया कि साल 2014 में कर्मी में दो, वाछम में एक, बदियाकोट में दो, रिखाड़ी से चौड़ा तक चार वैली ब्रिज बने थे, जो आज झूलने लगे हैं. यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. कपकोट में तीन एंबुलेंस हैं. किसी भी वाहन का परमानेंट चालक नहीं है. रिठकुला में पेयजल लाइन के लिए सड़क खोद दी हैं. धरमघर-माजखेत सड़क पर हर मोड़ पर खतरा बना हुआ है. उन्होंने कहा कि सितंबर माह में वह केदारेश्वर मैदान कपकोट में हवन-यज्ञ करेंगे और आंदोलन का विगुल फूकेंगे.

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