बागेश्वर: जिले के अंतिम राजकीय इंटर कालेज खाती की छात्राएं चिल्लाने, रोने, नाचने के साथ अजीब हरकतें कर रही हैं. अभिभावक परेशान हैं. तीन छात्राओं ने विद्यालय जाना बंद कर दिया है. अभिभावकों के अनुसार वह बालिकाओं का उपचार भी करा रहे हैं. इसके बावजूद उनके व्यवहार में बदलाव नहीं आ रहा है.
कक्षा 9 से 12वीं तक की छात्राएं हो रही बेहोश: खाती के इंटर कालेज के अभिभावकों के अनुसार कक्षा नौ से 12 वीं तक की छात्राएं बेहोश हो रही हैं. वह चिल्लाने लगती हैं और अजीब हरकतें करती हैं. नवंबर के अंतिम सप्ताह में दो छात्राएं बेहोश हुई थी. उसके बाद यह संख्या 15 तक पहुंच गई. बीते मंगलवार को तीन छात्राएं फिर से अजीब हरकत करने लगीं. एक अभिभावक पुत्री को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे. बताया कि उनकी बेटी घर में स्वस्थ रहती है. विद्यालय जाने पर वह अजीब हरकतें कर रही है. डाक्टरों को दिखाया और उन्होंने बताया कि वह मास हिस्टीरिया (Mass hysteria among girl students) की शिकार हो सकती है.
स्कूल में स्वास्थ्य शिविर लगाने की मांग: खाती के तारा सिंह ने बताया कि बालिकाओं को अस्पताल भी दिखाया गया. विद्यालय में पूजा का आयोजन भी किया गया. इसके बावजूद कोई लाभ नहीं मिल रहा है. विद्यालय के शिक्षक भी परेशान हैं. मोबाइल के सिग्नल कम आते हैं. जिससे उच्चाधिकारियों को सूचना भी नहीं पहुंच पाती है. उन्होंने विद्यालय में स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने की मांग की है. वहीं सीईओ गजेंद्र सौन ने बताया कि बीते माह में राजकीय इंटर कॉलेज खाती से सूचना मिली थी. प्रधानाचार्य से फोन पर वार्ता की जा रही है. विद्यालय में स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया जाएगा. वह लगातार संपर्क में हैं.
जुलाई में भी हुई थी ऐसी घटना: इसी साल जुलाई में भी बागेश्वर जिले में ऐसी घटनाएं हुई थीं. तब जिले के जूनियर हाईस्कूल रेखौली में छात्राएं बेहोश हो रही थीं. छात्राएं ऐसी अजीब-ओ-गरीब हरकतें कर रही थीं जिन्हें देखकर स्कूल का स्टाफ और अभिभावक भी डरे हुए थे. तब शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी भी स्कूल पहुंचे और जांच पड़ताल की थी. तब रेखौली निवासी बलबीर सिंह ने बताया था कि राजकीय जूनियर हाईस्कूल रेखौली में दो दिन से छात्राएं कुछ अलग बर्ताव कर रही थीं. ये भी पढ़ें:स्कूल पहुंचते ही चीखने-चिल्लाने लगी छात्राएं, फिर कांपते हुए हुईं बेहोश, टीचर्स के उड़े होश
वो कभी अलग-अलग स्थान पर बैठकर चीख रही थीं तो कभी बालों को खोलकर कांप रही थीं. इसके अलावा कभी वो नाच भी रही थीं. तब भी छात्राओं की ये हालत देखकर अभिभावक और शिक्षक सभी परेशान थे.