बागेश्वर:उत्तराखंड में आदर्श आचार संहिता लगे हुए एक सप्ताह से अधिक बीत चुका है. लेकिन अभी तक कई जगहों पर आचार संहिता का पालन जिला प्रशासन नहीं करा पा रहा है. जगह-जगह लगे बोर्ड व गेटों में अभी भी नेताओं के नाम और प्रचारित योजनाओं के बारे में लिखा सब कुछ दिख रहा है.
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए 14 फरवरी को वोटिंग है. उत्तराखंड में आचार संहिता लागू है. इसके बावजूद बागेश्वर में चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है. जिला प्रशासन आदर्श आचार संहिता का पालन नहीं करा पा रहा है. आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद सभी प्रचार सामग्रियों और सरकार के कार्यों को प्रदर्शित करने वाली योजनाओं के बोर्ड को ढक दिया जाता है. साथ ही क्षेत्रीय विधायक सहित अन्य तमाम उम्मीदवारों और संभावित उम्मीदवारों के द्वारा लगाए गए पोस्टर बैनर हटा दिए जाते हैं. इसके बावजूद बागेश्वर नगर क्षेत्र में कई स्थानों पर अब भी सरकार की योजनाएं कार्य और उम्मीदवारों के द्वारा कराए गए कार्यों के प्रचार उजागर हो रहे हैं. इससे आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है.
बागेश्वर में चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन, नेताओं की उपलब्धियों वाले होर्डिंग मुंह चिढ़ा रहे
उत्तराखंड में चुनाव आचार संहिता लगी है. इस दौरान चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों और दावेदारों के सरकारी कार्यों वाले पोस्टर, बैनर और होर्डिंग्स खुली नहीं रहनी चाहिए. लेकिन बागेश्वर में चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है. बागेश्वर प्रशासन चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं रोक पा रहा है. प्रचार करने वाले बैनर और होर्डिंग्स मुंह चिढ़ा रहे हैं.
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बता दें कि नगर के नदीगांव, बागनाथ गेट सहित कई स्थानों पर क्षेत्रीय विधायक का नाम चस्पा है. जबकि उत्तरायणी मेले के लिए किए जा रहे कार्यों में नगर पालिका अध्यक्ष का नाम भी कई स्थानों लिखा गया है. प्रशासन का कहना है कि कोई भी चुनाव में उम्मीदवार हो सकता है, जिसे देखते हुए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि सहित पूर्व के उम्मीदवार, जनप्रतिनिधियों के नाम और योजनाओं को दिखाते हुए बोर्ड, पोस्टर को हटाने का काम किया जा रहा है. मेले के चलते कुछ स्थानों पर अब तक कार्रवाई नहीं की गई थी. जल्दी सभी योजनाओं को प्रदर्शित करने वाले बोर्ड, बैनर पोस्टर और पंपलेट हटा दिए जाएंगे या उनको ढक दिया जाएगा.