बागेश्वर:कुमाऊं की काशी कही जाने वाली बागनाथ की नगरी बागेश्वर दो-दो नदियां होने के बाद भी पानी के लिए प्यासी है. बढ़ती गर्मी के साथ ही बागेश्वर में पेयजल संकट गहराने लगा है. कृत्रिम जल स्रोत और हैंडपंपों पर लोगों की निर्भरता बढ़ने लगी है. हर साल गर्मियों में नगर में लोगों को पानी की मारामारी झेलनी पड़ती है. बावजूद इसके नगरवासियों को मानकों के अनुसार पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है.
नगर में पेयजल मुहैया कराने के लिए कई योजनाएं बनी हैं. बावजूद इसके 2.87 एमएलडी पानी की कमी बनी है. नगर क्षेत्र की रोजाना की मांग 5.6 एमएलडी है, लेकिन आपूर्ति केवल 2.73 एमएलडी हो रही है. वर्तमान में जखेड़ा, कठायतबाड़ा पंपिंग और अमसरकोट सहित करीब आधा दर्जन पेयजल योजनाओं के माध्यम से नगरवासियों को पानी की आपूर्ति की जाती है, लेकिन अधिकांश योजनाएं पुरानी और जर्जर हो चुकी हैं, जिसके कारण घरों तक क्षमता के अनुसार पानी नहीं पहुंच रहा है.
दो-दो नदियों के किनारे फिर भी प्यासे पढ़ें- व्यासी जलविद्युत परियोजना: UJVNL ने बताई लोहारी गांव के विस्थापन की सच्चाई वहीं, नगर की आबादी में लगातार बढ़ोत्तरी के बावजूद नई योजनाओं का विस्तार नहीं होने और पुरानी योजनाओं की मरम्मत नहीं होने से लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है. नगर की पेयजल समस्या को दूर करने के लिए मंडलसेरा में पंपिंग योजना का निर्माण किया जा रहा है. योजना में लंबे समय से कार्य चल रहा है, लेकिन अब तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है. मंडलसेरा में एक सोलर हैंडपंप की स्थापना भी की जानी है.
वहीं, पेयजल संकट से निजात पाने के लिए मंडलसेरा और बाजार क्षेत्र के लोगों की निर्भरता सैनोला धारे पर बढ़ गई है. बिलौना, सैंज और बड़ेत क्षेत्र के लोग मांग धारे से पानी जुटा रहे हैं. तहसील मार्ग, आरे-मंडलसेरा बाईपास सहित कई स्थानों पर हैंडपंपों पर भी पानी भरने के लिए लोगों की लाइन लग रही है. वहीं, जल संस्थान के अधिशासी अभियंता सीएस देवड़ी ने कहा कि नई योजनाओं के निर्माण का काम चल रहा है. मंडलसेरा पेयजल योजना का निर्माण होने के बाद नगर की पेयजल किल्लत से निजात मिल जाएगी. फिलहाल नगर में जल संकट से जूझने के लिए विभाग ने टैंकरों की व्यवस्था की है.