बागेश्वर:कपकोट ब्लॉक के दूरस्थ गांव लाहुर के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में करीब पांच वर्ष से डॉक्टर नदारद हैं. चार हजार की आबादी की स्वास्थ्य देखभाल के लिए खोला गया अस्पताल इन दिनों बंद पड़ा हुआ है. अस्पताल बंद होने से लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 15 किमी दूर कपकोट और 40 किमी दूर बागेश्वर आना पड़ रहा है. क्षेत्र के भ्रमण पर पहुंचे कपकोट के कांग्रेस के पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण के समक्ष ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है. विधायक ने डबल इंजन की सरकार पर ग्रामीणों की अनदेखी का आरोप लगाया है.
लाहुर गांव के अस्पताल में तैनात डॉक्टर पांच वर्ष से बगैर अवकाश के नदारद हैं. वर्तमान में डॉक्टर के साथ ही फार्मासिस्ट, वार्ड बॉय, सफाईकर्मी भी अस्पताल में तैनात नहीं हैं. लाहुर के ग्राम प्रधान प्रताप सिंह, क्षेत्र पंचायत सदस्य दिनेश टाकुली ने बताया कि अस्पताल बंद होने से लाहुर के साथ ही परमटी, नीड़नगेला, मिखिलाखलपट्टा के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. कोरोना टीकाकरण के लिए भी लोगों को चार किमी दूर सड़क तक लाना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने क्षेत्र के भ्रमण पर पहुंचे कपकोट के पूर्व विधायक के सामने अस्पताल बंद होने से हो रही दिक्कतों को उठाया. इसके बाद पूर्व विधायक फर्स्वाण ने डीएम व सीएमओ को समस्या से अवगत काराया. उन्होंने कहा कि जल्द अस्पताल की व्यवस्था को सुधारा जाए. उन्होंने ऐसा न होने पर ग्रामीणों को साथ लेकर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.