बागेश्वर:मिट्टी के दीयों के बाद अब बाजार में गोबर के दियों की भी मांग बढ़ने लगी है. जिन्हें महिलाओं के द्वारा अपने-अपने घरों में तैयार किया जा रहा है. सभी महिलाएं समूह के माध्यम से जुड़ी हैं, जिसमें उनके द्वारा गोबर के दीये के अलावा मोमबत्तियां भी बनाई जा रही हैं.
दीपावली मार्केट में बढ़ी गोबर के दीयों की मांग, महिलाओं को मिल रहा प्रोत्साहन - Bageshwar cow dung lamps
Diwali Festival 2023 बागेश्वर में महिलाओं द्वारा तैयार किए गए दीयों को मार्केट में हाथों-हाथ लिया जा रहा है. जिससे महिलाओं की अच्छी खासी आमदनी हो रही है. महिलाओं का कहना है कि गोबर से बने दीपक शुद्ध होते हैं और इन्हें जलाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Nov 12, 2023, 7:35 AM IST
|Updated : Nov 12, 2023, 1:25 PM IST
गौर कि बागेश्वर में सहायता समूह की महिलाओं ने दीपावली त्यौहार के लिए गोबर के दीये तैयार किए हैं. गाय के गोबर और मिट्टी के मिश्रण से बनाए सजावटी दीये और मोमबत्तियां महिलाओं के रोजगार का साधन बन रहा है. मान्यता है कि मिट्टी के दीपक के साथ गोबर के दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है. साथ ही पर्यावरण संरक्षण का मकसद भी पूरा होगा. बाजार में गोबर के दीपकों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. बागेश्वर की जय गंगा नाथ स्वयं सहायता समूह की 20 महिलाएं इस काम को बखूबी कर रही हैं और अभी तक महिलाओं ने गोबर के दीये और मोमबत्ती बेचकर 80 हजार तक कमा चुकी हैं.
इससे समूह को काफी लाभ मिल रहा है. समूह से जुड़ी महिला अनिता टम्टा और रेखा देवी ने बताया कि उनके द्वारा 5 हजार पीस गोबर की दीये बेचकर उन्होंने 40 हजार और गोबर के सिंपल दीये बेचकर 35 हजार और मोमबत्ती बेचकर 5 हजार रुपए बेचकर 80 हजार की आय प्राप्त की है. उन्होंने कहा कि गाय को हमारे धार्मिक रूप में मां का दर्जा है और गाय के गोबर को काफी शुद्ध माना जाता है, इसलिए इसके महत्व को देखते हुए इसके दीये बनाए गए हैं. जिसको लोग काफी पसंद कर रहे हैं.