बागेश्वर:जनपद बागेश्वर में नगर पालिका गठन के बाद से आज तक नगर को ट्रेंचिंग ग्राउंड नसीब नहीं हुआ है. नगर पालिका के ईओ सतीश कुमार (EO Satish Kumar) ने बताया कि राहगीर कूड़े के ढेर में आग लगा देते हैं. पालिका के कर्मचारी समय-समय पर कूड़े में पानी छिड़काव कर आग बुझाते हैं. ट्रेंचिंग ग्राउंड के निर्माण के लिए पालिका लंबे समय से कवायद कर रही है.
उन्होंने बताया कि पहाड़ी के पास ट्रेंचिंग ग्राउंड के लिए जमीन भी चयनित की गई थी लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई. कई अन्य स्थानों पर जमीन खोजने के बाद जिला प्रशासन द्वारा बिलोना पगना मोटर मार्ग पर ट्रेंचिंग ग्राउंड के लिए भूमि का चयन किया गया है.
फाइलों में अटका ट्रेंचिंग ग्राउंड निर्माण उन्होंने बताया कि ट्रेंचिंग ग्राउंड निर्माण के लिए पूर्व बनाई गई ₹3.54 करोड़ की डीपीआर में गड़बड़ी होने के कारण पास नहीं हो पाई. अब संशोधित डीपीआर को दोबारा भेजा गया है. हालांकि, इसके लिए पालिका को 1.39 करोड़ रुपए का बजट उपलब्ध करा दिया गया है. अब ट्रेंचिंग ग्राउंड निर्माण के लिए निविदा डाली गई है.
बता दें, बागेश्वर नगर में साल 1968 में 54 साल पहले टाउन एरिया में नगर पालिका का गठन हुआ. नगर पालिका गठन के बाद से नगर का कूड़ा निस्तारण प्रमुख समस्या रही है. वर्तमान में नगर पालिका क्षेत्र में 11 वार्ड हैं. सभी वार्डों में से रोजाना 7.5 टन कूड़ा उठाया जाता है. ट्रेंचिंग ग्राउंड नहीं होने से कूड़ा मालता मार्ग पर पुलिस लाइन के समीप सड़क किनारे फेंका जाता है.
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शुरू में मालता के ग्रामीणों के द्वारा कूड़े फेंकने का विरोध भी किया गया. उसके बावजूद भी अब तक कूड़ा सड़क किनारे ही फेंका जाता है. वहीं, कूड़े में आग भी लगा दी जाती है. कूड़ा जलने से उठने वाला बदबूदार धुआं और जहरीली गैस निकलती हैं, जो क्षेत्र के लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है. पुलिस लाइन में रह रहे कर्मचारी भी इसकी दुर्गंध व जहरीली गैस की चपेट में आकर परेशान व बीमार रहते हैं.