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पत्नी के साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने का मामला, कोर्ट ने पति को सुनाई दो साल की सजा - मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजु सिंह मुंडे

बागेश्वर में एक पति को पत्नी की इच्छा के विरुद्ध शारीरिक संबंध बनाना और मारपीट करना भारी पड़ गया. मामले में पीड़िता ने पति के खिलाफ कांडा थाने में तहरीर दी. वहीं, मामला सुनवाई के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पहुंचा. कोर्ट ने मामले में आरोपी पति को 2 साल की सजा सुनाई. साथ ही 10 हजार का जुर्माना लगाया.

Husband sex without wife permission in bageshwar
बागेश्वर सेक्स करने पर पत्नी ने पति को भिजवाया जेल

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Published : Dec 9, 2022, 7:53 PM IST

Updated : Dec 9, 2022, 7:59 PM IST

बागेश्वर: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजु सिंह मुंडे की अदालत ने पत्नी की इच्छा के खिलाफ शारीरिक संबंध बनाने और मारपीट करने के दोषी व्यक्ति को दो साल कारावास की सजा सुनाई है. दोषी आईटीबीपी का सिपाही है. साधारण कारावास की सजा के साथ ₹10 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना न देने की स्थिति में एक महीने का अत‌िरिक्त कारावास भोगना होगा.

दरअसल, 13 अगस्त 2019 को पीड़ित महिला ने कांडा थाने में अपने पति के खिलाफ दी गई तहरीर में बताया था कि, उसका पति हृदयेश टम्टा (निवासी खनात, थाना बेरीना‌ग जिला पिथौरागढ़) आईटीबीपी का जवान है और लेह में तैनात है. तहरीर के अनुसार महिला का पति 12 अगस्त 2019 को उसके मायके आया और उसे यह कहकर साथ ले गया कि उसने सरकारी क्वार्टर मंजूर करा लिया है.

उसकी बातों में भरोसा कर महिला उसके साथ ससुराल को चली गई, लेकिन वो उसे चौकोड़ी के पर्यटक आवास गृह में ले गया. जहां महिला की इच्छा के विरुद्ध शारीरिक संबंध बनाने के बाद तलाक देने की मांग करने लगा. युवक ने महिला से पिथौरागढ़ जाकर उसे तलाक देने को कहा और उसके साथ मारपीट करते हुए उसे जान से मारने की धमकी देने लगा.
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महिला का कहना है कि वो किसी तरह बचकर वापस मायके आई और कांडा थाने में पति के ‌खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. तहरीर के आधार पर पुलिस ने धारा 498 ए, 323, 504 और 506 के तहत आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया. विवेचक प्रहृलाद सिंह ने मामले की जांच कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया.

अभियोजन पक्ष की ओर से नामिका अधिवक्ता मोहन राम आर्या ने मामले की पैरवी करते हुए 8 गवाह पेश कराए. न्यायालय ने गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को धारा 504 और 506 से दोषमुक्त करने का निर्णय सुनाया लेकिन धारा 498 ए में दो साल का साधारण कारावास की सजा सुनाई. दस हजार अर्थदंड की सजा भी सुनाई गई. वहीं, धारा 323 के तहत छह महीने के साधारण कारावास और एक हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया. जुर्माना नहीं देने पर एक महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भोगने का आदेश पारित किया है.

Last Updated : Dec 9, 2022, 7:59 PM IST

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