उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

नाबालिग से रेप का प्रयास: 65 साल के दोषी को 9 साल कठोर कारावास, ₹15 हजार जुर्माना - 65 साल के बुर्जुग को जेल

उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में कोर्ट ने 65 साल के बुजुर्ग को रेप के प्रयास मामले में 9 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. मामला दिसंबर 2020 का है. 13 दिसंबर 2020 को कपकोट थाना क्षेत्र में नाबालिग लड़की घास काटने के लिए अपने खेत में गई थी, तभी दोषी खुशाल सिंह (65) ने उससे दुष्कर्म की कोशिश की थी.

rape concept image
कांसेप्ट इमेज.

By

Published : Mar 26, 2022, 6:12 PM IST

Updated : Mar 26, 2022, 7:09 PM IST

बागेश्वर:12 साल की नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के प्रयास मामले में कोर्ट ने 65 साल के बुजुर्ग दोषी को 9 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा दोषी पर 15 हजार रुपए का अलग से जुर्माना भी लगाया है. वर्तमान में दोषी जिला कारागार अल्मोड़ा में बंद है. ये फैसला बागेश्वर के विशेष न्यायाधीश एसएमडी दानिश की कोर्ट ने सुनाया है. जानकारी के मुताबिक, ये पूरा मामला दिसंबर 2020 का है.

बता दें, 13 दिसंबर 2020 को कपकोट थाना क्षेत्र में नाबालिग लड़की घास काटने के लिए अपने खेत में गई थी, तभी दोषी खुशाल सिंह (65) भी उसके पीछे-पीछे खेत में चला गया. पहले तो उसने नाबालिग को पैसों का लालच दिया और उससे छेड़छाड़ करने लगा लेकिन बुजुर्ग की हरकतों से घबराकर लड़की अपने घर चली गई, लेकिन उसने अपनी मां को कुछ नहीं बताया.इस बीच गांव की कुछ महिलाओं को इसकी भनक लगी तो उन्होंने पीड़िता की मां से बेटी की देखभाल सही ढंग से करने को कहा. महिलाओं की बातों से पीड़िता की मां को शक हुआ और उसने अपनी बेटी से घटना के बारे में पूछताछ की.
पढ़ें-हरिद्वार में युवती ने खाया जहर, अस्पताल में इलाज के दौरान मौत

मां के पूछने पर पीड़िता ने सारी आपबीती बताई. मामले की जानकारी होते ही पीड़िता की मां ने आरोपी के घर जाकर इस बारे में बात की तो वो भड़क गया और गाली गलौज करते हुए लड़ने लगा. 16 दिसंबर को पीड़िता की माता ने कपकोट ‌थाने में आरोपी के खिलाफ तहरीर दी, जिसके आधार पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता के बयान कराए तो उसने बताया कि दोषी बुजुर्ग उसके साथ दुराचार का प्रयास कर रहा था.

पीड़िता के बयान के बाद जांच अधिकारी एसआई सुर‌भि राणा ने आरोपी के खिलाफ धारा 354 क, 354 घ, 504, 376/511 और पॉक्सो अधि‌नियम के तहत न्यायालय में आरोप पत्र दायर किया. विशेष लोक अभियोजक खड़क सिंह कार्की ने न्यायालय में पैरवी करते हुए सात गवाह प्रस्तुत कराए. गवाहों के बयान और उपलब्ध सबूतों के आधार पर विशेष न्यायाधीश ने आरोपी को धारा 354 क में 9 वर्ष के कठोर कारावास, 354 घ में तीन वर्ष का कठोर कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माना, 376/511 में सात साल का कठोर कारावास और पांच हजार रुपये का जुर्माना, 504 में दो वर्ष का कठोर कारावास और पॉक्सो एक्ट में 7 साल के कठोर कारावास व पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित करने का फैसला सुनाया. जुर्माना जमा नहीं करने पर आरोपी को छह महीने का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा.

Last Updated : Mar 26, 2022, 7:09 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details