बागेश्वर:बीते19 फरवरी 2020 में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने बागेश्वर में बस स्टेशन का उद्घाटन किया था. इस बस स्टेशन से बागेश्वर से हल्द्वानी और भराड़ी के लिए बसों को हरी झंडी दिखाई गई थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि यहां से हर रोज बस बागेश्वर से भराड़ी और हल्द्वानी जाएंगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
बता दें कि, बागेश्वर में कांग्रेस शासनकाल में उत्तराखंड परिवहन निगम का डिपो बनाने की घोषणा की गई थी और डिपो का निर्माण शुरू किया गया. 2.88 करोड़ की लागत से बने भवन को कार्यदायी संस्था पेयजल निर्माण निगम ने चार नवंबर 2019 को उत्तराखंड परिवहन निगम को हस्तांतरित किया था. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने 19 फरवरी को बस स्टेशन का उद्घाटन किया. उद्घाटन अवसर पर त्रिवेंद्र सिंह रावत और मंत्री ने दो बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. एक बस को भराड़ी और दूसरी बस को हल्द्वानी के लिए रवाना किया गया.
इस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा था कि दोनों बसों का संचालन नियमित रूप से होगा. लेकिन उद्घाटन के दिन पहली बस बागेश्वर-हल्द्वानी और अल्मोड़ा से भराड़ी चलने वाली दूसरी बस को बागेश्वर-भराड़ी नाम से हरी झंडी दिखाई गई. जबकि इन बसों का संचालन पहले से ही हो रहा था. उद्घाटन के अगले ही दिन से यह बस सेवाएं अल्मोड़ा से भराड़ी और बागेश्वर से दिल्ली के लिए संचालित होने लगी.
स्टेशन में इंचार्ज का पद भी सृजित नहीं है. एक वरिष्ठ लिपिक और दो बुजुर्ग चालक तैनात हैं. बुजुर्ग चालकों से रात में चौकीदारी कराई जा रही है. सरकार ने भले ही बागेश्वर में बस स्टेशन का शुभारंभ किया हो, लेकिन भवन के हस्तांतरण पत्र और भवन निर्माण के समय लगे कार्यदायी संस्था के बोर्ड में भी रोडवेज बस डिपो लिखा है. जिसे अब हटा दिया गया है.