बागेश्वर: मॉनसून आते ही जिला प्रशासन की तैयारियों की पोल खुल गई है. बागेश्वर कपकोट एनएच पर हुए भूस्खलन से मलबे में एक कार फंस गई. वहीं, सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई है. सूचना के बावजूद बीआरओ और लोनिवि की जेसीबी एक घंटे बाद भी नहीं पहुंची. जिससे लोगों में प्रशासन के खिलाफ भारी गुस्सा है.
मानसून सीजन की तैयारियों को लेकर बागेश्वर जिला प्रशासन ने आपदा, लोनिवि एवं अन्य विभागों के साथ बैठक कर आपदा को लेकर दिशा निर्देश जारी किए थे, लेकिन आपदा की स्थिति में जेसीबी भी वक्त पर नहीं पहुंच रही है. इससे साफ पता चलता है कि आपदा की तैयारियां किस तरीके से की गई हैं. विभागों को जिला प्रशासन से निर्देश प्राप्त हुए थे. लेकिन उन निर्देशों का पालन धरातल पर किस तरह से होता है. आज कपकोट बागेश्वर एनएच पर देखने को मिला.
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आपको बता दें तीन दिन पहले हुई भारी बारिश से कपकोट बागेश्वर एनएच पर हरसीला के पास भारी मलबा आ गया था. जिस वजह से वहां करीब 8 घंटे का जाम भी लगा था. उस जगह पर आज भी भारी मलबा आ गया, लेकिन सड़क पर न बीआरओ की जेसीबी मौजूद है और न ही लोनिवि का कोई अधिकारी.
बागेश्वर कपकोट एनएच पर मलबे में फंसी कार यात्रियों ने कहा आपदा के वक्त कपकोट बागेश्वर जैसी मुख्य सड़क पर जेसीबी मौजूद ना होना आपदा की तैयारियों को बयां कर रही हैं. वह एक ऐसे चट्टान के बीच में फंसे हैं, जहां कभी भी ऊपर से मलबा गिर सकता है. बीच सड़क में गाड़ी फंसने से गाड़ी के साथ अन्य लोगों को भी खतरा बना हुआ है, लेकिन जिस तरीके से आपदा की तैयारियां की थी, उसकी पोल यहां खुल रही है.