बागेश्वर/बेरीनागःमहाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी शुक्रवार को अपने पैतृक गांव नामटी चेटाबगड़ पहुंचे. इस दौरान ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया. वहीं प्रशासन की ओर से उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. कार्यक्रम में कोश्यारी ठेठ पहाड़ी अंदाज में दिखे और इसी अंदाज में ही ग्रामीणों को संबोधित भी किया. उन्होंने सभी से अपनी पारंपरिक खेती में ध्यान देने को कहा. साथ ही युवाओं को शिक्षा पर जोर देने की अपील कर मजाकिए अंदाज में कहा कि मैं थोड़ा और पढ़ा होता तो राज्यपाल नहीं, पीएम होता.
पहाड़ की महिलाएं अपनी संस्कृति बचाने में दे रही योगदानःभगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि मां भगवती की कृपा और जनता के आशीर्वाद से विभिन्न पदों में रहने के साथ ही वो मुख्यमंत्री बने. नैनीताल की जनता ने लोकसभा में भेजा. इससे उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल भी बनाया गया. राज्यपाल का पद संभालने के बाद मां भगवती का आशीर्वाद लेने आए हैं. साथ ही कहा कि पहाड़ की महिलाएं अपनी संस्कृति को बचाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रही हैं.
पहाड़ में खेती की अपार संभावनाएंःबचपन के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि कल्याण राम उन्हें रमाड़ी की चढ़ाई के दौरान पीठ पर ले जाते थे. मैं गांव से पिथौरागढ़ तक पैदल गया हूं. मेरे माता पिता ने मुझे खेती करके पढ़ाया है. उन्होंने युवाओं से पढ़ाई के साथ ही पारंपरिक खेती पर ध्यान देने को कहा. उन्होंने कहा कि सरकार ने विकास किया तो अब सड़क से चल रहे हैं. पहाड़ में खेती की संभावनाएं हैं. उन्होंने भीम सिंह कोरंगा के शामा में कीवी की खेती को युवाओं के लिए प्रेरणा बताया.
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