उत्तराखंड

uttarakhand

By

Published : Apr 6, 2022, 8:03 PM IST

ETV Bharat / state

बागेश्वर: हत्या के आरोपी दानिश को आजीवन कारावास की सजा, ममेरे भाई का किया था मर्डर

उत्तर प्रदेश के जाम बहेड़ी निवासी दानिश हसन ने बागेश्वर में अपने ही ममरे भाई राशिद की बेरहमी से हत्या कर दी थी. दानिश ने लाश को सड़क से नीचे फेंक दिया था. साथ ही शव पर पेट्रोल डालकर जलाने का प्रयास किया, ताकि शव की पहचान न हो सके. अब कोर्ट ने अर्थदंड के साथ दानिश को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

Punishment for murder convict in Bageshwar
बागेश्वर में हत्या के दोषी को सजा

बागेश्वर: जिला न्यायालय में अपर सत्र न्यायाधीश ने आज हत्या के आरोपी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने हत्यारे पर एक लाख दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.

बता दें कि जाम बहेड़ी बरेली उत्तरप्रदेश निवासी नवी अहमद ने अपने बेटे राशिद की हत्या की प्राथमिकी दर्ज करवाई थी. जिसमें कहा गया था कि उसके पुत्र राशिद की हत्या दानिश हसन निवासी नगरिया कला इज्जतनगर बरेली ने की है. दानिश बैजनाथ थाना अंतर्गत टाइल्स लगाने का कार्य करता था. मृतक राशिद व दानिश रिश्ते में ममेरे भाई थे और दोनों साथ काम करते थे.

हत्या के आरोपी दानिश को आजीवन कारावास की सजा.

वहीं, मृतक 18 फरवरी 2021 से गायब था और उसका फोन भी नहीं लग रहा था. दानिश से पूछने पर वह राशिद के बारे में अलग-अलग बात बना रहा था. बाद में पुलिस ने जब दानिश से पूछताछ की तो उसने राशिद की हत्या की बात स्वीकारी. उसने बताया कि उसने अणां के जंगल में उसकी हत्या करके लाश को सड़क से नीचे फेंक दिया और उसके शव पर पेट्रोल डालकर जलाने का प्रयास किया, ताकि शव की पहचान न हो सके.

ये भी पढ़ेंःहल्द्वानी में छींटाकशी के विवाद में भिड़े दो पक्ष, गर्भवती महिला को तिमंजिले से फेंककर मार डाला

वहीं, पुलिस ने एक मार्च 2021 को शव को जंगल से बरामद किया. जिसकी शिनाख्त मृतक के परिजनों ने की. इसके बाद बैजनाथ पुलिस ने मामले का आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया. इस मामले का विचारण अपर सत्र न्यायाधीश कुलदीप शर्मा के न्यायालय में चला. जिसमें सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जीबी उपाध्याय व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता चंचल सिंह पपोला ने न्यायालय में 11 गवाह पेश किए. जिसके बाद बयानों के आधार पर अभियुक्त दानिश को दोषी पाया गया. कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास और एक लाख दस हजार का अर्थ दंड की सजा सुनाई.

ABOUT THE AUTHOR

...view details