अल्मोड़ा:भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा स्थानीय हस्तशिल्पियों के आर्थिक उन्नयन एवं विकास के लिए अल्मोड़ा में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन की गई. आज इस कार्यशाला का शुभारंभ विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने किया. इस अवसर पर स्थानीय हस्तशिल्पियों द्वारा तैयार उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई. यह कार्यशाला 21 नवंबर तक चेलेगी. इसमें हस्तशिल्पियों को केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही लाभकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी.
हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए कार्यशाला का आयोजन, विधानसभा उपाध्यक्ष ने किया शुभारंभ
उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने कहा कि अल्मोड़ा का ताम्र उद्योग किसी समय मे काफी प्रसिद्ध था. यहां के बने तांबे के बर्तन देश दुनिया मे अपनी चमक बिखेरते थे. लेकिन समय के साथ इन पारम्परिक उत्पादों को बढ़ावा नहीं मिल सका, जिस कारण यह उपेक्षित होते गए.
इस मौके पर विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने कहा कि अल्मोड़ा का ताम्र उद्योग किसी समय मे काफी प्रसिद्ध था. यहां के बने तांबे के बर्तन देश दुनिया मे अपनी चमक बिखेरते थे. लेकिन समय के साथ इन पारम्परिक उत्पादों को बढ़ावा नहीं मिल सका, जिस कारण यह उपेक्षित होते गए. लेकिन अब केंद्र सरकार स्थानीय हस्तशिल्पियों के आर्थिक विकास व स्थानीय व पारम्परिक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए गंभीर है. इसी को लेकर केंद्र सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. जिससे स्थानीय हस्तशिल्पियों को काफी लाभ मिलेगा.
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कार्यशाला में कपड़ा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रोजेक्ट अधिकारी के रूप में पहुचे सुरेंद्र कुमार ने बताया कि भारत सरकार द्वारा हस्तशिल्प कला को बढ़ावा देने और हस्तशिल्पियों के आर्थिक विकास के लिए कई लाभकारी योजनाएं चलाई गई हैं. लेकिन उनको इसकी जानकारी नहीं होने की वजह से इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. इसी को देखते हुए यह तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें उन्हें लाभकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी. यह कार्यशाला देशभर में व्यापक रूप से चलाई जा रही है. इससे पहले यह कार्यशाला वस्त्र मंत्रालय के द्वारा जयपुर, आगरा, बनारस में आयोजित की जा चुकी है, अब उत्तराखंड के अल्मोड़ा में आयोजित की जा रही है.