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अल्मोड़ा से जुड़ी हैं विक्रम लैंडर के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेंद्र सिंह की जड़ें, यहां जानिये कनेक्शन

Vikram Lander Project Manager Rajendra Singh चंद्रयान-3 मिशन में सबसे अहम विक्रम लैंडर है. जिसे बनाने में अल्मोड़ा के वैज्ञानिक राजेंद्र सिंह सिजवाली की अहम भूमिका रही. राजेंद्र सिंह सिजवाली विक्रम लैंडर के प्रोजेक्ट मैनेजर हैं.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 28, 2023, 8:21 PM IST

Updated : Aug 28, 2023, 8:28 PM IST

अल्मोड़ा: चंद्रयान-3 के सफल अभियान में इसरो के वैज्ञानिक एवं तकनीकी अधिकारियों का विशेष योगदान रहा है. इस सफल अभियान में अल्मोड़ा के पुनाली गांव के वैज्ञानिक राजेंद्र सिंह सिजवाली भी शामिल रहे. राजेंद्र सिंह सिजवाली ने विक्रम लैंडर के लिए प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर काम किया. राजेंद्र सिंह सिजवाली का पैतृक आवास विकासखंड धौलादेवी के पुनाली गांव में है. उनके इस योगदान के लिए जागेश्वर के विधायक मोहन सिंह मेहरा और पूर्व विधान सभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने राजेंद्र की माता हीरा देवी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया.

राजेंद्र सिंह सिजवाली

वैज्ञानिक राजेंद्र सिंह सिजवाली के अभियान में दिए गए योगदान के लिए पूरे गांव में खुशी की लहर है. पैतृक आवास में बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. सोमवार को जागेश्वर के विधायक मोहन सिंह मेहरा ने उनके पैतृक आवास में पहुंच कर उनकी माता हीरा देवी से मुलाकात की. उन्होंने शॉल पहनाकर सम्मानित किया. उन्होंने कहा राजेंद्र के योगदान से गांव ही नहीं वरन अल्मोड़ा सहित पूरे उत्तराखंड का नाम रोशन हुआ है.इस मौके पर पूर्व विधान सभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने भी उनके पैतृक आवास में पहुंच कर उनकी माता को बधाई दी.

राजेंद्र सिंह के घर पहुंचे गोविंद सिंह कुंजवाल

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वैज्ञानिक राजेंद्र सिंह सिजवाली की छोटी बहन आशा बिष्ट अल्मोड़ा जिला सहकारी बैंक में सीनियर ब्रांच मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने कहा चंद्रयान-3 की सफलता में उनके भाई राजेंद्र के दिए गए योगदान पर उन्हें गर्व है.

राजेंद्र सिंह के घर पहुंचे विधायक

वैज्ञानिक राजेंद्र सिंह सिजवाली ने वर्ष 1996 में राजकीय इंटर कालेज धूनाथल से हाईस्कूल एवं वर्ष 1998 में अल्मोड़ा इंटर कालेज अल्मोड़ा से इंटरमीडिएट किया. जिसके बाद उन्होंने द्वाराहाट के विपिन त्रिपाठी कुमाऊं इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की. इसके बाद वह वर्ष 2005 में वह इसरो से जुड़े. वह वर्तमान में अंतरिक्ष उपयोग केंद्र अहमदाबाद में तैनात हैं. उन्होंने केंद्र के महत्वपूर्ण सेंसर के लिए पावर सिस्टम को विकसित करने में प्रमुख योगदान दिया है.

Last Updated : Aug 28, 2023, 8:28 PM IST

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