अल्मोड़ाः उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया है. उन्होंने दोनों सरकारों पर शहीद आंदोलनकारियों की कल्पना और राज्य की अवधारणा के अनुरूप कार्य नहीं करने का आरोप लगाया है. इसी कड़ी में राज्य आंदोलनकारियों ने लोगों से सरकार के खिलाफ लामबंद होने की अपील करते हुए रथ यात्रा निकाली. इस दौरान आंदोलनकारियों ने लोगों को पर्चे भी वितरित किए.
राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि उत्तराखंड बनने के बाद जहां विधायकों का वेतन कई गुना बढ़ा दिया गया तो वहीं राज्य आंदोलनकारियों को सम्मान जनक पेंशन तक नहीं दी जा रही है. अनेक राज्य आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण तक नहीं किया गया है. आम जनता बंदरों, सुअरों और आवारा जानवरों से परेशान हैं. शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है. सरकारी नौकरियों के द्वार आम युवाओं के लिए बंद हैं.
विकास योजनाओं में राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण असंतुलित विकास किया जा रहा है. जिससे लोगों का पलायन बढ़ गया है. आंदोलनकारी संगठन के संरक्षक अधिवक्ता महेश परिहार ने कहा कि राज्य आंदोलन की अवधारणा को पूरा करते सरकार नहीं दिख रही है. उत्तराखंड राज्य लोगों ने शहादत देकर बनाया था. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार माफियाओं, भ्रष्टाचारियों, गुंडा और बदमाशों को बंद नहीं कर रही है.
खुले आम पहाड़ को लूट रहे अफसरों पर सरकार नकेल नहीं कस पा रही है, लेकिन जो बेरोजगार अपने हक की मांग करते हुए रोजगार मांग रहा है. उन्हें बंद कर दिया जा रहा है. वहीं, उन्होंने सरकार पर बेरोजगारों के नेता बॉबी पंवार का भी एनकाउंटर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया. इसलिए पूरे प्रदेश के लोगों को सचेत करते हुए उत्तराखंड राज्य की परिकल्पना को साकार करने के लिए सभी से लामबंद होने की अपील की जा रही है.
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